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नींद नहीं आने के कारण, लक्षण, घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक उपचार!

अनिद्रा (Insomnia) से परेशान व्यक्ति को रात में काफ़ी देर तक बिस्तर पर पड़े रहने से भी नींद नहीं आती है। आयुर्वेद की माने तो यह किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं बल्कि किसी दूसरे रोग से या फिर मानसिक असंतुलन से होने वाली समस्या है।

बता दें कि इसके अलग-अलग कारण जैसे अत्यधिक चिंता, तनाव, मन में कोई न कोई बात सोचते रहना, डर, पाचन तंत्र ठीक न होना हो सकते हैं। इस समस्या में एक बार जागने पर दोबारा सोने में भी बहुत ज़्यादा मुश्किल होने लग जाती है।

आज के समय में लोग इस तनाव भरी स्थिति को दूर करने के लिए काफ़ी दवाइयों का सेवन करते नज़र आते हैं जो उनके शरीर में किडनी और लीवर को नुक़सान पहुंचा सकती हैं। अगर अनिद्रा (insomnia) नींद नहीं आने के कारण के और लक्षणों को अच्छे से जान लिया जाए तो आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार की सहायता से इस समस्या को जल्दी दूर किया जा सकता है।

आयुर्वेद में अनिद्रा क्या होती है- What is Insomnia in Ayurveda

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार अगर आपके शरीर में तीनों दोष यानी वात, पित्त और कफ संतुलित हैं तो आपको किसी भी प्रकार की बीमारी हानि नहीं पहुंचा सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब वात दोष असंतुलित रहने लग जाए तो व्यक्ति अनिद्रा से ग्रसित रहने लग जाता है। वर्तमान समय में लोगों का खान-पान और जीवनशैली बहुत खराब हो गई है जिसके चलते वह अनिद्रा जैसी अनेक समस्याओं से परेशान रहने लग जाता है।

अनिद्रा (Insomnia) नींद नहीं आने के कारण: Causes of Insomnia in hindi

अगर आप इस समस्या को जड़ से ख़त्म करना चाहते हैं तो आपको इसके मुख्य कारणों की जानकारी होनी बहुत ज़रूरी है। इस आर्टिकल में हम आपको उन्ही के बारे में बताने जा रहे हैं, सही समय पर इनके उपर ध्यान देकर आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा अनिद्रा से बचा जा सकता है।

  • आज के समय में लोग आर्थिक परेशानी, पारिवारिक और निजी ज़िन्दगी को लेकर अनेक बातों के बारे में सोचते रहते हैं जिसका प्रभाव उनके मस्तिष्क पर होने लगता है। मानसिक असंतुलन को अनिद्रा का सबसे अहम कारण माना जाता है।
  • जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं उनको यह समस्या ज़्यादा परेशान करती है।
  • एक शोध कहती है कि कई लोग रात को ज़्यादा खाना खा लेते हैं जिसके बाद उनको बेचैनी और घबराहट होने लगती है, यह भी अनिद्रा का मुख्य कारण है।
  • अधिक चिंता और तनाव की वज़ह से मस्तिष्क की अनेक बीमारियां होने का डर बना रहता है जो अनिद्रा का कारण बन सकती हैं।
  • जो लोग अपनी किसी भी प्रकार की बीमारी को दूर करने के लिए काफ़ी मात्रा में दवाइयों का सेवन कर रहे हैं वह भी अनिद्रा का आसान शिकार बन सकते हैं।
  • अगर आपकी पाचन क्रिया खराब है तो आप जल्दी इस समस्या से ग्रसित हो सकते हैं।
  • इन सभी के अलावा अल्जाइमर, थायराइड, अस्थमा रोग, शुगर, हृदय रोग और जोड़ों की किसी भी प्रकार की बीमारी के कारण भी अनिद्रा की समस्या आपको परेशान कर सकती है।

नींद न आने के मुख्य लक्षण: Symptoms of Insomnia in hindi

  • जब व्यक्ति को काफ़ी देर तक बिस्तर पर पड़े रहने पर भी नींद नहीं आती।
  • कई बार लोग रात को जागने के बाद दोबारा सो नहीं पाते।
  • सुबह नींद से उठने के बाद भी सुस्ती आना।
  • थका-थका रहना, घबराहट और आलस्य इसके मुख्य लक्षण।
  • नींद पूरी न होने की वज़ह से चिड़चिड़ापन रहना।

अनिद्रा को दूर करने के घरेलू उपाय: Home Remedies of Insomnia in hindi

अश्वगंधा लाभदायक—इसके चूर्ण को अगर वैद्य की सलाह के अनुसार दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ सेवन किया जाए तो अनिद्रा की समस्या को जल्दी ख़त्म किया जा सकता है।

सरसों का तेल फायदेमंद—आयुर्वेद के मुताबिक़ रात को सोने से पहले अगर व्यक्ति रोजाना पैर के तलवों में इस तेल की अच्छे से मालिश करता है तो रात को अच्छी नींद आने में सहायता मिलती है।

दालचीनी चूर्ण उपयोगी—रात को सोने से पहले एक गिलास देसी गाय के गुनगुने दूध में आधा चम्मच दालचीनी चूर्ण मिलाकर सेवन करने से अनिद्रा में लाभ मिलता है।

जायफल उत्तम औषधि—रात में अगर एक गिलास दूध में एक चम्मच जायफल चूर्ण मिश्रण करके कम से कम 1 महिना सेवन किया जाए तो अनिद्रा की परेशानी दूर हो सकती है।

नींद नहीं आने के कारणों के आयुर्वेदिक उपचार: Ayurvedic treatment of Insomnia in hindi

यहां हम आपको लाइफ अवेदा की आयुर्वेदिक दवा प्रीमियम ब्राह्मी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको शुद्ध तरीके से विशेषज्ञों की देखरेख में तैयार किया गया है। इसके नियमित सेवन से आप अनिद्रा जैसी अनेक गंभीर समस्याओं को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं।

ये जड़ी-बूटियां मस्तिष्क के लिए एक टॉनिक के रूप में काम करती हैं जो सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं और तनाव देने वाले हार्मोन को संतुलित करने में सहायता प्रदान करती हैं।

इस आयुर्वेदिक दवा के लाभ:

यह शरीर को तनावपूर्ण स्थितियों के अनुकूल होने में मदद करता है।

अच्छी नींद को बढ़ावा देता है और अनिद्रा का इलाज़ करने में फायदेमंद साबित होता है।

तनाव हार्मोन, एकाग्रता शक्ति को बढ़ाता है, मस्तिष्क की कोशिकाओं को शांत रखता है और तंत्रिका तंत्र पर अच्छा प्रभाव डालता है।

तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करता है।

शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के स्तर को बढ़ाता है,

तनाव और चिंता से जुड़े मांसपेशियों के दर्द और सिरदर्द को शांत करके तनाव से राहत देता है।

ब्राह्मी: Brahmi Capsules

यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी मस्तिष्क के कार्य को संतुलित बनाने में मदद करती है। लाइफ अवेदा के ब्राह्मी कैप्सूल में मौजूद ब्राह्मी का शुद्ध अर्क स्मरण शक्ति, एकाग्रता को बढ़ाने के अलावा मस्तिष्क को बिमारियों से मुक्त रखता है।

इस आयुर्वेदिक दवा के लाभ:

  • एकाग्रता, स्मृति, सतर्कता में सुधार करती है।
  • विरोधी गुण प्रो-भड़काऊ एंजाइम और साइटोकिन्स को ख़त्म करती है।
  • एडीएचडी (अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर) के लक्षणों को कम करने में मदद करें।
  • स्वस्थ तंत्रिका तंत्र को बढ़ावा और तनाव, चिंता को दूर करती है।

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इन ख़ास बातों का रखें ध्यान:

निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर और अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करके आप अनिद्रा की समस्या से सुरक्षित रह सकते हैं।

  • अपने भोजन में देसी गाय का दूध, दलिया और बादाम को महत्त्व दें।
  • दोपहर के भोजन में सलाद का सेवन ज़रूर करें क्योंकि इसमें पाया जाने वाला लैक्टोकैरियम तत्व शरीर में जठराग्नि को मज़बूत बनाए रखता है।
  • रात को सोने से पहले एक गिलास देसी गाय का दूध नियमित रूप से सेवन करें।
  • नशीले पदार्थों जैसे शराब, सिगरेट और तम्बाकू के सेवन से बचें।
  • सूर्योदय से पहले उठकर रोजाना 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलें।
  • योग, व्यायाम और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में महत्त्वपूर्ण स्थान दें।
  • तला हुआ भोजन और फ़ास्ट फ़ूड से आज ही दूरी बनाएं।

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About Dr. Ranjana Kaushal

Dr. Ranjana Kaushal (MD Ayurveda) has 11 years of experience in the field of Ayurveda. Right now she is working as an Ayurveda consultant with Life Aveda. She has immense knowledge about herbs, their uses, and formulations. She has published articles related to many herbs and diseases in an international journal. She is also a degree holder in yoga and naturopathy. Read More..

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