More results...

Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors
post
page

आईटीपी (ITP) यानि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं

आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार आईटीपी (ITP) से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में खून के अंदर पाई जाने वाली प्लेटलेट्स कम होना शुरू हो जाती हैं| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्लेटलेट्स त्वचा की चोट को सुखाने का काम करती हैं, जिससे खून आना बंद होने लग जाता है|

अक्सर देखा जाता है कि कई लोग बीमार तो पड़ जाते हैं, परन्तु उन्हें उस बीमारी का नाम ही नही पता होता| इसके बाद वैद्य की सलाह लेने पर पता चलता है कि ये बीमारी तो उनको बहुत पहले से थी|

आज हम आपको इसके कुछ लक्ष्ण, कारण और आहार चार्ट की जानकारी देने वाले हैं| इसलिए इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़े और अगर आप इस बीमारी से ग्रसित हैं तो तुरंत आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू कर दें|

आईटीपी के कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्ण: Symptoms of ITP in hindi

जब आपके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है तो उसी समय कुछ ऐसे लक्ष्ण महसूस होने लगते हैं|

1. मसूड़ों के अंदर से खून निकलना|
2. नाक से कई बार खून आना|
3. शरीर की बाहरी त्वचा पर लाल या ब्राउन रंग के निशान हो जाना|
4. लड़कियों को मासिक चक्र के दौरान खून अधिक मात्रा में आना|
5. चोट लगने पर खून ज्यादा आना|

आईटीपी होने की वजह: Causes of ITP in Hindi

आयुर्वेद के मुताबिक शरीर के अंदर प्लेटलेट्स को बनाने का काम अस्थि-मज्जा का होता है| यदि यह सही मात्रा में प्लेटलेट्स न बना पाए तो इसका मतलब आपका शरीर आईटीपी से ग्रसित है|

1. रक्त के अलग-अलग विकार|
2. शरीर के अंदर अचानक से खून कम होना|
3. ल्यूकेमिया जैसे कैंसर का होना|

आईटीपी के लिए आहार चार्ट

आईटीपी (ITP)में रोगी को क्या खाना चाहिये: Food to eat in ITP in Hindi

* अनाज: जौ, बाजरा, दलिया, मक्का, चावल|
* सब्जियां: करेला, ब्रोकली, मूली, पालक, खीरा, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, लौकी, मटर, तोरई|
* फल: आम, केला, पपीता, अमरुद, जामुन, तरबूज, अनानास, अनार।
* दालें: मूंग, मूंगफली, सोयाबीन, काले चने|
* मसाले: जीरा, धनिया, लहसुन, काली मिर्च|
* पेय पदार्थ: नारियल पानी, नींबू पानी, शुंठी का पानी, व्हीटग्रास रस|

भूलकर भी न करें इन खाद्य पदार्थों का सेवन: Food to avoid in ITP in hindi

* दालें: उड़द की दाल, राजमा, काबली चना|
* अनाज: नई गेहूं, मैदा, नया चावल|
* सब्जियां: अरबी, आलू|
* न करें मांसाहारी खाने का सेवन|
* अधिक नमक और दही का उपयोग भी हानिकारक|

आईटीपी रोगी के कुछ घरेलू उपाय: Home Remedies for ITP in hindi

यहाँ हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके उपयोग से आप शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ प्लेटलेट्स के स्तर को भी संतुलित रख सकते हैं|

*विटामिन-सी का सेवन फायदेमंद- आयुर्वेद के अनुसार नींबू, कच्चा आवंला और संतरा जैसे विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन बहुत ज्यादा फायदेमंद साबित होता है| यह फल शरीर के अंदर प्लेटलेट्स के स्तर को बढ़ाने के अलावा थ्रोम्बोसाइटोपेनिया समस्या को जड़ से खत्म कर देते हैं| प्रयोग के लिए आप इनका जूस सुबह और दोपहर सेवन कर सकते हैं|

* पपीते की पत्तियां महत्वपूर्ण औषधि– आधुनिक शोध के मुताबिक पपीते के पत्तों का काढ़ा प्लेटलेट्स को काफी जल्दी बढ़ाने का काम करता है| इसके अंदर पाए जाने वाले कार्डेनोलाइड्स, स्टेरॉयड और एल्कलॉइड जैसे लाभकारी गुण अनेक बिमारियों को दूर करने का काम करते हैं|

* व्हीट ग्रास के अनेक फायदे– अगर सुबह खली पेट व्हीट ग्रास का रस और उसके अंदर नींबू का मिश्रण करके रोजाना सेवन किया जाए तो कारगर होता है| इसके अंदर के जिंक, विटामिन, क्लोरोफिल और जरूरी पोषक तत्व शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बना देते हैं|

* गाजर के साथ चुकंदर का मिश्रण– इस बात का तो सभी को पता है कि गाजर का जूस शरीर के अंदर रक्त की आपूर्ति को पूरा करता है| परन्तु अगर इसमें चुकंदर का मिश्रण करके सेवन किया जाए तो यह प्रयोग प्लेटलेट्स को बढ़ाने का काम भी करता है, इससे आप आईटीपी जैसी अनेक बिमारियों से बचे रहते हैं|

* खाने में करें नारियल तेल का प्रयोग– अगर आप आईटीपी बीमारी से ग्रसित हैं तो किसी वैद्य की सलाह लेकर खाने में आवश्यकता के अनुसार नारियल तेल प्रयोग कर सकते हैं| इसके अंदर पाई जाने वाली वसा और पोषक तत्व घटी हुए प्लेटलेट्स को बढ़ाने में कारगर साबित होते हैं|

* रोजाना सेवन करें देसी गाय का दूध– शोध में पता चला है कि देसी गाय के दूध में A-2 बीटा केसीन पाया जाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है| इसके सेवन से आप आईटीपी, ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह जैसी जानलेवा बिमारियों से बचे रहते हैं|

* किशमिश का सेवन काफी उपयोगी– रत को 4 से 5 किशमिश एक गिलास पानी में भिगो कर रख दें और सुबह पानी से निकालकर इस प्रयोग का रोजाना सेवन करें| इसके अंदर पाया जाने वाला आयरन शरीर के अंदर प्लेटलेट्स को काफी तेजी से बढ़ा देता है|

* विटामिन बी पदार्थों का सेवन लाभकारी– आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर आईटीपी रोगी रोजाना विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे अंडा, गाय का दूध और दही का सेवन करे तो काफी फायदा मिलता है| जब शरीर के अंदर विटामिन बी की कमी हो जाती है तो अस्थि-मज्जा प्लेटलेट्स बनाने में असमर्थ हो जाती है, इसलिए आवश्यकता के अनुसार इन खाद्य पदार्थों का उपयोग करना चाहिये|

* मछली का तेल काफी कारगर– इसक उपयोग प्लेटलेट्स तो नही बढ़ाता परन्तु रक्त विकारों को दूर करने में काफी अहम भूमिका निभाता है| आप सुबह या फिर शाम को 2 से 3 बूंद मछली के तेल का रोजाना सेवन कर सकते हैं, इसके अंदर पाया जाने वाला एंटीथ्रोबोटिक गुण ब्लड क्लॉट नही होने देता|

आईटीपी में ध्यान देने योग्य बातें:-

इस बीमारी से ग्रसित इंसान को खाने-पीने की चीजों के अलावा इन महत्वपूर्ण बातों का भी ध्यान रखना चाहिये|

1. तनावमुक्त रहते हुए अपनी नींद पूरी करें|
2. भोजन को हमेशा चबा-चबा कर खाएं|
3. नकारात्मक उर्जा से अपने आप को दूर रखें|
4. दिन में 3 से चार बार हल्का-हल्का भोजन लें।
5. धुम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों के सेवन से बचें|
6. हमेशा सूर्यादय से पहले उठकर 2 से 3 किलोमीटर तक पैदल चलें|
7. दांत साफ करने के लिए मौसम के अनुसार दांतून का प्रयोग करें|

योग, आसन और प्राणायाम को दिनचर्या में दें आवश्यक स्थान:

आईटीपी से पीड़ित व्यक्ति को आयुर्वेदिक उपचार के साथ किसी वैद्य की सलाह लेकर योग, आसन और प्राणायाम को भी दिनचर्या में महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिये, यह आपके शरीर को निरोगी रखने में कारगर साबित होते हैं|

Find a Diet Consultation Online: ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श

लाइफ अवदा पर ऑनलाइन सलाह कैसे लें?
  1. +91 7743002520 पर परामर्श के लिए कॉल करें
  2. डॉक्टर से अपना सवाल पूछें
क्या ऑनलाइन परामर्श करना सुरक्षित है?

आपका परामर्श बिल्कुल सुरक्षित रहेगा। लाइफ आवेदा प्लेटफॉर्म बिल्कुल 100% निजी और सुरक्षित है। हमारे ग्राहक की जानकारी और स्वास्थ्य डेटा हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है और यह सर्वोत्तम तकनीक से सुरक्षित है।

More Articles to Read

About Dr. Ranjana Kaushal

Dr. Ranjana Kaushal (MD Ayurveda) has 11 years of experience in the field of Ayurveda. Right now she is working as an Ayurveda consultant with Life Aveda. She has immense knowledge about herbs, their uses, and formulations. She has published articles related to many herbs and diseases in an international journal. She is also a degree holder in yoga and naturopathy. Read More..

Share on:
Not satisfied with the information? Please send us your feedback at info@avedaayur.com

Leave a Comment

Click to Chat