आयुर्वेद चिकित्सा के मुताबिक इंसान के पेट में हाइड्रोक्लोरिक नाम का एसिड बनता है जो भोजन को लार के रूप में बदलने का काम करता है। परन्तु जब इस एसिड का उत्पादन ज्यादा होने लगता है तो एसिडिटी की समस्या होने का खतरा बना रहता है, आज के समय में ये परेशानी लोगों को होना आम बात है| लोग जंक फ़ूड और तला हुआ खाना पसंद करते हैं जो शरीर के अंदर पाचन तंत्र को खराब कर देता हैं, इसकी वजह से पित्त दोष असंतुलित हो जाता है| इस दोष के अनियंत्रित होते ही व्यक्ति को सीने में जलन, पेट दर्द और खट्टी डकारें आना शुरू हो जाती है|

एसिडिटी का परिचय: What is acidity in hindi

 

शरीर में जब पेट की ग्रंथियां अधिक मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का निर्माण करना शुरू कर दें तो उस समय व्यक्ति को एसिडिटी हो सकती है| अगर इस समस्या का समाधान या उपचार सही समय पर न किया जाए तो आगे चलकर यह कब्ज, बवासीर और अल्सर जैसी पीड़ादायक बिमारियों का रूप ले सकती है| इसलिए हमेशा अपने खान-पान और शारीरिक गतिविधियों पर जरुर ध्यान देना चाहिये| कुछ गलत आदतों का सेवन जैसे शराब, नशीले पदार्थ, जंक फ़ूड और अत्यधिक तला हुआ खाना आपको एसिडिटी से परेशान कर सकता है|

एसिडिटी होने के मुख्य कारण: Causes of Acidity in hindi

* बहुत ज्यादा मात्रा में तला हुआ और जंक फ़ूड सेवन करने से।

* शरीर में हो रही किसी भी प्रकार की पीड़ा को दूर करने के लिए अत्यधिक पेनकिलर का सेवन|

* पेय पदार्थ जैसे कोल्ड ड्रिंक सेवन अधिक करने से।

* बार-बार अधिक मात्रा में भोजन करने से पाचन क्रिया खराब हो जाती है जो इस समस्या का मुख्य लक्ष्ण है|

* नींद की कमी से भी एसिडिटी होने का डर बना रहता|

* अक्सर देखा गया है कि गर्भावस्था में महिलाओं को यह समस्या हो जाती है|

* अगर आप ज्यादा मात्रा में आयोडीन नमक का सेवन कर रहे हैं|

* धूम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों का अधिक उपयोग|

* शराब और कैफीन युक्त पदार्थ का अधिक सेवन।

* रात को भोजन करने के तुरंत बाद सो जाने से भी एसिडिटी होने का खतरा बना रहता है|

एसिडिटी होने के कुछ सामान्य लक्ष्ण: Symptoms of Acidity in hindi

यहाँ हम आपको एसिडिटी के कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, इनको ध्यान में रखकर आप इस समस्या का अच्छे से उपचार कर सकते हैं|

* अगर आपको बार-बार पेट में दर्द या जलन रहती है तो इस बात को नज़रंदाज़ न करें|

* अच्छे से पेट साफ़ न होने की वजह से व्यक्ति को बैचेनी होती रहती है जो एसिडिटी का मुख्य लक्ष्ण है|

* कई लोगों को खाना खाने के बाद सीने में दर्द या जलन होनी शुरू हो जाती है ये भी इस समस्या का लक्ष्ण है|

* रात को खाने के बाद अक्सर लोगों को डकारें आती है जिसकी वजह से उनका स्वाद खट्टा हो जाता है।

* एसिडिटी से परेशान व्यक्ति का पेट फुला-फुला रहने लगता है|

* फ़ास्ट फ़ूड खा-खा के लोगों की पाचन क्रिया खराब हो जाती है जिसके बाद वह कब्ज के शिकार रहने लगते हैं वो भी एसिडिटी का एक लक्ष्ण है|

* बार-बार सिर में दर्द होना भी एक मुख्य लक्ष्ण|

* एक शोध से पता चला है कि इस समस्या से ग्रसित इंसान के मुंह से दुर्गन्ध आनी शुरू हो जाती है|

* काले रंग का मल भी इस समस्या का लक्ष्ण|

* साँस लेने में परेशानी या फिर गला खराब हो जाना|

एसिडिटी की वजह से होने वाली परेशानियाँ

आयुर्वेदिक चिकित्सा कहती है कि अगर इसका उपचार समय रहते न किया जाए तो यह जानलेवा बीमारियों का रूप ले सकती है|

1. खून की उल्टी होने का खतरा|

2. कब्ज और एसिडिटी होने से अल्सर होने का डर|

3. समय पर उपचार न होने से पेट का कैंसर भी हो सकता है|

एसिडिटी को जड़ से खत्म करने वाले कुछ घरेलू उपाय: Home Remedies of Acidity in  Hindi

गिलोय एक महत्वपूर्ण औषधि– अगर एसिडिटी से परेशान व्यक्ति सुबह खाली पेट 7 से 8 गिलोय के पत्तों का काढ़ा बना कर नियमित रूप से सेवन करे तो यह मूत्राशय के राश्ते हानिकारक बैक्टीरिया को बाहर निकाल देता है| इस समस्या को दूर करने के अलावा या प्रयोग शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को भी बढ़ा देता है|

देसी गाय का दूध और मिश्री का सेवन कारगर– आयुर्वेदिक शोध के मुताबिक अगर व्यक्ति सुबह और शाम खाना खाने से 1 घंटा पहले या बाद में देसी गाय के ठंडे दूध में एक चम्मच मिश्री मिलाकर सेवन करें तो काफी फायदा मिलता है| यह प्रयोग पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखने के साथ आपको स्वास्थ्यवर्द्धक बनाए रखता है|

सौंफ और आंवला का मिश्रण लाभकारी– सुबह और शाम सौंफ, आंवला चूर्ण का मिश्रण करके आधा चम्मच रोजाना गुनगुने पानी के साथ लेने से एसिडिटी की समस्या बहुत जल्दी दूर हो जाती है|

नारियल का पानी अमृत के सम्मान– आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नारियल का पानी शरीर के अंदर लार बनाना का काम करता है जिससे पाचन तंत्र भोजन को अच्छे से पचा लेता है| इस प्रयोग का नियमित उपयोग अधिक मात्रा में हाइड्रोक्लोरिक एसिड नहीं बनने देता और आप एसिडिटी जैसी समस्याओं से बचे रहते हैं|

केले का सेवन भी उत्तम उपाय– इस फल के अंदर भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो भोजन के टुकड़े करने में अहम भूमिका निभाता है| रात को सोने से पहले केले का सेवन भी एसिडिटी में लाभकारी माना गया है|

दालचीनी का उपयोग असरदार– एसिडिटी से परेशान व्यक्ति को आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को एक गिलास पानी में उबाल लेना चाहिए और जब वह आधा रह जाए तो उसे ठंडा करके पी लेना चाहिये| इसके अंदर पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल गुण हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकाल देते हैं| इससे शरीर के अंदर जठराग्नि मजबूत बनी रहती है जिससे एसिड बनने का डर भी नही रहता।

तुलसी के पत्तों का सेवन उत्तम औषधि– अगर सुबह बिना कुछ खाए-पिए 6 से 7 तुलसी की पत्तियों को नियमित रूप से चबा लिया जाए तो एसिडिटी की समस्या में बहुत ज्यादा फायदा मिलता है|

ध्यान देने योग्य बातें

1. भोजन को थोड़ा थोड़ा करके दिन में 3 से 4 बार खाएं|

2. दिन में करीब 5 से 6 लीटर पानी का सेवन करें|

3. हमेशा खाने के 1 घंटा पहले या बाद में पानी पीना उचित रहता है|

4. योग, व्यायाम, प्राणायाम नियमित रूप से करें|

5. जंक फ़ूड और तला हुआ आहार सेवन करने से बचें|

6. ज्यादा परेशानी होने पर आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह जरुर लें|

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