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पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) या जठरांत्र शोथ के लक्षण, कारण, बचाव, परीक्षण और जटिलताएं क्या हैं!

आयुर्वेद के अनुसार जब शरीर के अंदर की आंत के ऊपर वाली परत पर इन्फेक्शन या सूजन आने लग जाती है तो मनुष्य (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) या जठरांत्र शोथ का शिकार हो जाता है| कुछ लोग इसका मुख्य कारण बुखार को मानते हैं परन्तु विशेषज्ञ इस बात को बिल्कुल नही मानते हैं। यह इंफेक्शन व्यक्ति को दूषित खाद्य पदार्थ और पानी के लगातार सेवन से हो सकता है, इसके अलावा इस रोग से ग्रसित व्यक्ति के संक्रमण से भी जठरांत्र शोथ समस्या हो सकती है| आज इस लेख में हम आपको पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) यानि जठरांत्र शोथ रोग के लक्षण, कारण, बचाव, परीक्षण और जटिलताएं की महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करने वाले हैं|

वैसे तो गैस्ट्रोएंटेराइटिस समस्या वर्तमान समय में कमजोर इम्यून सिस्टम हो जाने के कारण आम हो गई है परन्तु समय पर इसको रोकना बहुत जरूरी है| इसका असर नवजात शिशु से लेकर, बच्चों, किशोर और बुजुर्गों सभी को प्रभावित कर सकता है| अगर आप इस हानिकारक बीमारी से सुरक्षित रहना चाहते हैं तो इस लेख के हर बिंदु को ध्यान से पढ़ें|

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) जठरांत्र शोथ के प्रकार: Types of Stomach Infection in Hindi

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) के निम्नलिखित 2 प्रकार बताए गए हैं
1. वायरल जठरांत्र शोथ– यह संक्रमण के कारण पेट और आंत में होने वाला इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) है| इसका ज्यादा प्रभाव संक्रमण और दूषित खाद्य पदार्थों के सेवन से होता है|
2. बैक्टीरियल जठरांत्र शोथ– हानिकारक बैक्टीरिया द्वारा होने वाले संक्रमण से भी यह समस्या हो सकती है, जानवरों का अधिक संपर्क और दूषित आहार का सेवन इसका मुख्य कारण है|

(गैस्ट्रोएन्टराइटिस) जठरांत्र शोथ के मुख्य लक्षण :Gastroenteritis Symptoms in Hindi

इस बीमारी के निम्नलिखित लक्षणों को पहचान कर आप सुरक्षित बने रह सकते हैं…..

* हल्का-हल्का सिर दर्द हमेशा बना रहता है
* व्यक्ति को ठंड बहुत लगती है
* पेट दर्द हमेशा बना रहता है
* इस समस्या में उल्टी होना अहम लक्षण है
* दस्त भी इस समस्या का मुख्य लक्षण
* अचानक वजन कम हो सकता है

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जठरांत्र शोथ के लक्षण 2 से 4 दिनों में दिख सकते हैं जिनको समय पर दूर किया जा सकता है|

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) के सामान्य कारण : Stomach Infection Causes in Hindi

* वायरल संक्रमण मुख्य कारण
* बैक्टीरियल संक्रमण भी गैस्ट्रोएंटेराइटिस की अहम वजह
* दूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण
* साफ सफाई न रखने के कारण
* पोल्ट्री फार्म के अधिक संपर्क से
* किसी भी प्रकार की एलर्जी के कारण

गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बचाव : Prevention of Gastroenteritis in Hindi

निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर आप गैस्ट्रोएंटेराइटिस से बचे रह सकते हैं….

* अगर आपको तरल पदार्थ सेवन करने में परेशानी हो रही है तो उसी समय डॉक्टर से संपर्क करें|
* वैद्य से सलाह लिए बिना किसी भी दवा का सेवन न करें|
* ताजा मौसमी फलों का जूस और 7 से 8 लीटर पानी अवश्य पिएं|
* जब भी खाने का सेवन करें उससे पहले पानी के साथ अच्छे से हाथ साफ़ करें|
* तला हुआ, जंक फूड और डिब्बा बंद खाने के सेवन से बचें|
* अपने आस पास साफ़ सफाई का ध्यान रखें|
* अगर आप दस्त से परेशान हैं तो रोजाना ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ उपयोग कर सकते हैं|
* खाने में पोटेशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें|
* अदरक का उचित उपयोग भी हानिकारक संक्रमण को खत्म कर सकता है|

गैस्ट्रोएंटेराइटिस का परीक्षण : Diagnosis of Gastroenteritis in Hindi

वैद्य की सलाह लेकर निम्नलिखित शारीरिक परीक्षण के द्वारा इस समस्या का पता लगाया जा सकता है|

* व्यक्ति की पुरानी स्वास्थ्य जानकारी और शारीरिक जाँच से इस समस्या का पता लगाया जा सकता है|
* स्टूल टेस्ट से भी शरीर के अंदर हानिकारक बैक्टीरिया की जाँच हो सकती है, इसमें व्यक्ति के मल का परीक्षण किया जाता है जिसके द्वारा पेट और आंतों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या का पता लगाया जा सकता है|

पेट में इन्फेक्शन (गैस्ट्रोएन्टराइटिस) या जठरांत्र शोथ का इलाज़ : Stomach Infection Treatment in Hindi

हम इस लेख के मध्याम से आपको गैस्ट्रोएंटेराइटिस के बारे में महत्वपूर्ण और लाभकारी जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं| से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। आशा यही है कि ये सब आपके लिए उपयोगी साबित हो, अब हम जठरांत्र शोथ में फायदेमंद लाइफ अवेदा के 100 % प्राकृतिक फॉर्म्युलेशन एसिड-ओ फ्लक्स कैप्सूल के बारे में बताने जा रहे हैं जो  पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में बहुत कारगर है। इस हर्बल उपचार से एसिडिटी, अपच, पेट फूलना, कब्ज, दस्त और भूख न लगना जैसी अनेक परेशानियों का इलाज किया जा सकता है।

इस फॉर्मूलेशन को तैयार करने के लिए आंवला, मुलेठी, सौंफ, धनिया, हरड, तेज पत्ता, लौंग, काली मिर्च, सौंठ, पिपली जैसी लाभकारी जड़ी बूटियों के हर्बल मानकीकृत शुद्ध अर्क का इस्तेमाल किया गया है| यह पाचन स्वास्थ्य में सुधार के लिए फायदेमंद है, सांसों से बदबू नही आने देता और शरीर की अन्य समस्याओं को दूर करता है।

उपयोग करने की विधि : Gastro G Capsules

1 कैप्सूल दिन में दो बार भोजन के बाद या आयुर्वेदिक चिकित्सक के बताए अनुसार|

गैस्ट्रो जी Gastro G Capsules: यह औषधि स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा देने के लिए काफी कारगर मानी गई है। इसका उचित उपयोग रक्तस्राव, पाचन तंत्र की सूजन को ठीक करने में मदद करता है। गैस्ट्रो जी नागकेसर की तरह एक प्राकृतिक जड़ी-बूटियां साबित होती है जो आंतों और कोलन के रक्तस्राव और सूजन को रोकने में मददगार है|

यह आंतों को मजबूत करने, जठरांत्र संबंधी मार्ग को स्वस्थ रखने, वजन बढ़ाने में भी मदद करती है। यह आपके शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने में सहायता करती नज़र आती है। इसके अलावा आंत की सूजन को कम करने में मदद करने के साथ साथ पेट के अल्सर को भी ठीक करती है। गैस्ट्रो जी एक पूरी तरह से प्राकृतिक ठंडी औषधि है जो जठरांत्र संबंधी मार्ग की सूजन को ठीक करती है|

गैस्ट्रो जी के मुख्य लाभ:

1. जठरांत्र संबंधी मार्ग के लिए उपयोगी है|
2. खूनी विकार जैसे दस्त, बवासीर आदि को ठीक करता है।
3. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक है।
4. स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा देता है।
5. स्वस्थ वजन प्रबंधन के साथ प्रतिरक्षा को बढ़ाता है।
6. प्रकृति में शीतल और कसैले।
7. पाचन में सुधार करता है और वजन बढ़ाने में मदद करता है।

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About Dr. Ranjana Kaushal

Dr. Ranjana Kaushal (MD Ayurveda) has 11 years of experience in the field of Ayurveda. Right now she is working as an Ayurveda consultant with Life Aveda. She has immense knowledge about herbs, their uses, and formulations. She has published articles related to many herbs and diseases in an international journal. She is also a degree holder in yoga and naturopathy. Read More..

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