आज के समय में लोगों का आहार और दिनचर्या ऐसी हो गई है कि कोई न कोई हानिकारक रोग उसको घेरे रहता है| फैटी लिवर भी उन्ही में से एक माना जाता है, इस सामान्य परेशानी को अगर समय पर दूर न किया जाए तो आगे चलकर यह लीवर की जानलेवा बीमारी का रूप ले सकती है|
यह समस्या तब होती है जब शरीर में अतिरिक्त वसा एकत्रित होने लगती है, इसका अधिक आपके स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है। आधुनिक शोध से पता चला है कि अधिक वसा के एकत्रित होने से शरीर का आकार ही खराब नही होता बल्कि यह अपने साथ अनेक बीमारियों को भी आमंत्रित कर लेती है|
आज इस आर्टिकल में हम आपको फैटी लिवर के लक्षण, कारण, दवा, उपचार और परहेज की महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं जिसको ध्यान में रखकर फैटी लिवर के जोखिम भरे कारकों से छुटकारा पाया जा सकता है|
फैटी लीवर के प्रकार: Types of Fatty liver in hindi
मनुष्य के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग लिवर को कहा जाता है, यह पाचन तंत्र को संतुलित रख कर हानिकारक बैक्टीरिया को मूत्राशय के रास्ते बाहर निकलने का काम करता है| लीवर में अधिक वसा एकत्रित होने के दो निम्नलिखित प्रकार माने गए हैं
फैटी लीवर का नॉन एल्कोहलिक प्रकार– लीवर के इस प्रकार का मुख्य कारण अनुचित आहार के सेवन को माना जाता है, इसलिए इसको नॉन एल्कोहलिक फैटी लीवर कहा जाता है| इस स्थिति में लीवर के आस-पास सूजन आ जाती है और उसकी कोशिका भी नष्ट होने लग जाती हैं|
जिसको समय पर दूर न किया जाए तो लीवर खराब भी हो सकता है, इसके कारण सिरोसिस और कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है। आयुर्वेदिक भाषा में इसको साधारण फैटी लीवर कहा जाता है, क्योंकि इस समस्या को जल्दी दूर किया जा सकता है| इसके अलावा मोटापा, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल के कारण हुए फैटी लीवर को नॉन एल्कोहलिक कहा जाता है|
फैटी लीवर का अल्कोहलिक प्रकार- लीवर के इस प्रकार का कारण अत्यधिक शराब और नशीले पदार्थों का सेवन माना गया है। बता दें कि लीवर व्यक्ति के शरीर से शराब को तो निकाल देता है परन्तु उस स्थिति में हानिकारक बैक्टीरिया बनना शुरू हो जाता है जिसके बढ़ने से लीवर के आस-पास सूजन और दर्द भी बढ़ने लग जाता है|
यही वजह है इसको अल्कोहलिक फैटी लीवर कहा जाता है, आने वाले समय में यह लीवर हेपेटाइटिस जैसी गम्भीर बीमारी का रूप भी ले सकता है|
फैटी लीवर ग्रेड: Fatty liver grade in hindi
इस समस्या की जांच करने के लिए वैद्य रोगी को अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह देते है जिसके बाद उनको पता चल जाता है कि उनको फैटी लिवर का कौन सा ग्रेड प्रभावित कर रहा है| इसके ग्रेड निम्नलिखित हैं
1. ग्रेड A- इसमें लीवर पर हल्की सूजन होती है जिससे उसके कार्य पर इतना प्रभाव नही होता और इसको दूर करना भी आसन हो जाता है|
2. ग्रेड B- इस ग्रेड में लीवर की सूजन बढ़ना शुरू हो जाती है जिसका समय पर उपचार होना जरूरी है|
3. ग्रेड C- इस स्थिति में व्यक्ति के शरीर में गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, इस ग्रेड के रोगी को वैद्य की सलाह के अनुसार उसी समय उचार लेना जरूरी हो जाता है|
फैटी लिवर के मुख्य लक्षण: Symptoms of Fatty liver
इस समस्या के लक्षणों का अगर शुरुआत में पता चल जाए तो इलाज करना आसान हो जाता है| निम्नलिखित मुख्य लक्षण की जानकारी आपको सुरक्षित रख सकती है..
- व्यक्ति को बार-बार भोजन करने पर भी भूख लगती है|
- रोगी के पेट की दाहिनी साइड हमेशा दर्द रहने लग जाता है|
- शरीर का वजन भी अचानक से कम होना शुरू हो जाता है|
- समय पर भोजन करने पर भी शरीर में कमजोरी बनी रहती है|
- शरीर की त्वचा, आँखों का रंग पीला और खुजली होने लगती है|
- पाचन शक्ति खराब हो जाने से गैस, कब्ज और एसिडिटी की समस्या होने लगती है|
- पेट भारी-भारी रहने लगता है|
- शरीर के जोड़ और हाथ-पैरों में सोजिश आने लगती है|
- व्यक्ति हमेशा थका-थका रहता है|
फैटी लीवर के कारण: Causes of Fatty liver in hindi
अगर इस गम्भीर समस्या का सही उपचार करना है तो इसके सामान्य कारण की जानकारी होनी आवश्यक है| जो निम्नलिखित हैं….
- शराब का अधिक सेवन इस समस्या का मुख्य कारण माना जाता है
- हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से भी लीवर फैटी हो सकता है
- एक शोध बताती है कि मोटे इंसान को यह परेशानी जरूर होती है|
- लीवर में रक्त संचार रुक जाने से
- फ़ास्ट फ़ूड, तला हुआ भोजन और मसालेदार आहार का अधिक सेवन
- मधुमेह रोगी फैटी लीवर के आसान शिकार होते हैं
- आनुवंशिकता को भी इस समस्या का कारण कहा गया है
- इन सभी के अलावा क्लोरीन का ज्यादा उपयोग, अनियंत्रित कोलेस्ट्रॉल, निम्न और उच्च रक्तचाप के कारण भी आपका लीवर फैटी हो सकता है|
फैटी लीवर के बचाव: Prevention of fatty liver in hindi
निम्नलिखित बचाव के द्वारा इस समस्या को रोका जा सकता है…
- अपने शरीर के वजन को संतुलित रखने का प्रयास करें|
- पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों और फलों का सेवन करें
- शराब, नशीले पदार्थ के सेवन से बचें|
- वैद्य की सलाह के अनुसार मधुमेह को नियंत्रित रखने की कोशिश करें|
- फैटी लीवर के आयुर्वेदिक उपचार के समय वैद्य से कुछ-कुछ दिनों बाद परामर्श लेते रहें|
- बाहर का डिब्बा बंद खाना छोड़कर घर के स्वच्छ और संतुलित आहार का सेवन करें|
- सूर्योदय से पहले उठकर शारीरिक कसरत, व्यायाम,योग और प्राणायाम जरूर करें|
फैटी लिवर का उपचार: Fatty liver treatment in hindi
इस समस्या की आज तक कोई आवश्यक दवा तैयार नही हुई है परन्तु अगर खान-पान और जीवनशैली में परिवर्तन करके वैद्य की सलाह के अनुसार परीक्षण के बाद आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा इसका इलाज़ किया जा सकता है|
आधुनिक चिकित्सा में समस्या बढ़ जाने पर ऑपरेशन और लीवर ट्रांसप्लांट ही आखरी रास्ता बचता है| आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति समस्या के कारणों को खत्म करके शरीर को स्वस्थ रखने का प्रयास करती है| निम्नलिखित कुछ उपाय वैद्य अपनाने के लिए कह सकता है.
- उचित आहार की जानकारी के द्वारा फैटी लिवर को दूर करने की सलाह दी जा सकती है|
- स्थिति गम्भीर होने पर जड़ी-बूटियों में परिवर्तन किया जा सकता है|
- अगर केलेस्ट्रोल बढ़ रहा है तो उसके कारणों को जानकर कम करने के बारे में कहा जा सकता है।
- आयुर्वेदिक विशेषज्ञ शारीरिक गतिविधि या जरूरी एक्सरसाइज करने की सलाह भी दे सकता है|
- मधुमेह रोगी को उचित औषधि के बारे में बता सकता है|
- नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर रोगी को डॉक्टर विटामिन ई का सेवन करना के लिए कह सकता है|
अधिक दवाओं का सेवन फैटी लिवर समस्या को बढ़ा सकता है, बिना वैद्य की सलाह के इनका उपयोग न करें| अगर आपको किसी भी समय फैटी लिवर का लक्षण महसूस हो तो उसी समय डॉक्टर के पास जाकर परामर्श करें। ऐसा करने से ठीक समय पर इस गंभीर परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है|
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