आयुर्वेदिक चिकित्सा कहती है कि जब शरीर में पित्त दोष नियंत्रित नही रह पाता तो व्यक्ति लीवर सिरोसिस बीमारी से परेशान रहने लग जाता है| इसकी सबसे बड़ी वजह खराब दिनचर्या और अनुचित आहार का उपयोग करना है, क्योंकि यह जठराग्नि को अपना काम करने से बाधित करते हैं|

जिसका अंत लीवर अनेक समस्याओं का शिकार हो जाता है, सिरोसिस में रोगी की त्वचा लाल रंग के चक्क्तों से भर जाती है| इससे पहले हम आपको इस बिमारी के लक्षण और कारण, बचने के उपाय और नुकसान के बारे में बता चुके हैं, आज इस आर्टिकल में हम सिरोसिस के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार की लाभकारी जानकारी देने वाले हैं|

आयुर्वेद आपके स्वास्थ्य के बारे में क्या कहता है?

“समदोष समाग्रिष्चा समधातु मलक्रियाः| प्रसन्नात्मेन्द्रियमनाः स्वस्थ इत्यभिधीयते||”

आयुर्वेद चिकित्सा के प्राचीन ग्रन्थ सुश्रुत संहिता के इस श्लोक में कहा गया है कि जिसके सभी दोष- वात, पित्त और कफ़, जठराग्नि, सात धातु, मल-मूत्र की क्रिया सभी अवस्थाओं में संतुलित बने रहें, जिसका मन, इन्द्रियां और आत्मा हमेशा प्रसन्न रहे वह व्यक्ति स्वस्थ है|

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पांच हजार साल पुरानी है, आयुर्वेद  ‘आयुष’ जिसका अर्थ जीवन है और ‘वेद’ जिसका अर्थ ‘विज्ञान’ दो शब्दों को मिलकर बना है। आपके शरीर में चार तत्व- तीन दोष, सात धातु, मल और अग्नि का संतुलित बने रहना बहुत जरूरी है|

अगर एक भी दोष नियंत्रित नही रह पाता तो इंसान बीमारियों से ग्रसित होना शुरू हो जाता है| आयुर्वेद की अनेक जड़ी-बूटियों के अंदर शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के गुण पाए जाते हैं|

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयुर्वेद में 1150 से 1200 महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों के बारे में बारीकी से बताया गया है| यहाँ हम आपको ऐसी ही लाभकारी जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार औषधियों के बारे उपयोगी जानकारी देने वाले हैं|

आयुर्वेद में लीवर सिरोसिस का इलाज:

अब हम आपको लाइफ अवेदा की सबसे लाभकारी आयुर्वेदिक औषधियों के कॉम्बो के बारे में बताने जा रहे हैं| यह लीवर सिरोसिस की बीमारी से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ उसको अनेक समस्याओं से भी बचा कर रखती हैं|

1. कुटकी कैप्सूल

Kutki Life Aveda Product

इनमे सबसे पहली कुटकी कैप्सूल है यह आपके अच्छे स्वास्थ्य का समर्थन करने और दैनिक सेवन के लिए एक प्राकृतिक पूरक के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। कुटकी के हेपटोप्रोटेक्टीवे या एंटीहेपेटो टॉक्सिक गुण पित्त दोष को संतुलित बनाए रखते हैं और यकृत के कार्य को बढ़ा देते हैं। कुटकी कैप्सूल फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं जो आपके मोटापे को तेजी से वजन कम करने में मदद करते हैं। यह सभी प्रकार की श्वसन समस्याओं जैसे सामान्य सर्दी, गले में खराश, खांसी और फ्लू के लक्षणों के लिए एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपाय है। यह सामान्य कमजोरी, दुर्बलता, थकान और समग्र जीवन शक्ति को कम करने में मदद करते हैं। कुटकी के लाभकारी गुण गठिया के दर्द और सूजन को कम करने में सहायता करते हैं|

इस्तेमाल करने की विधि:

1-2 कैप्सूल दिन में दो बार भोजन के बाद गुनगुने पानी के साथ या वैद्य के निर्देशानुसार लें|

सुरक्षा संबंधी जानकारी:
* उपयोग करने से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
* बच्चों से दूर रखें
* अनुशंसित खुराक से अधिक न हो
* धूप से दूर कमरे के तापमान पर रखें

2. लिव गार्ड कैप्सूल

यह अनेक जड़ी-बूटियों का एक अनूठा मिश्रण है जो पाचन तंत्र की सूजन को कम करने में मदद करती हैं। यह एक स्वस्थ पाचन अग्नि को बढ़ावा देता है, लीवर और पित्ताशय की थैली को साफ करता है। यह अमा को हटाता है और लीवर को डिटॉक्सिफाई करता है, जिससे उसकी सामान्य कार्यप्रणाली संतुलित बनी रहती है। इसके एंटीवायरल गुण इसे हेपेटाइटिस और पीलिया जैसे संक्रमणों से बचाने में मदद करते हैं। यह तीनों दोषों को संतुलित करता है जिसके परिणामस्वरूप दुरुस्त बनी रहती है। लिव गार्ड कैप्सूल में कुटकी, कालमेघ, त्रिफला, भृंगराज, कासनी, गिलोय, पुनर्नवा और, मकोई जैसी महत्वपूर्ण प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण किया गया है|

Liv Guard Capsules Life Aveda

उपयोग करने की विधि:
वयस्कों के लिए 1-2 कैप्सूल दिन में एक या दो बार या वैद्य की सलाह के अनुसार|

3. आरोग्य वर्धनी वटी

Aarogya Vardhini Vati Life aveda

आरोग्य का अर्थ है अच्छे स्वास्थ्य, वर्धिनी का अर्थ है- सुधार करना। इसे “सर्वरोग प्रश्मणी” के रूप में भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि इसका उपयोग सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है। यह तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में सहायता प्रदान करती है| इस टैबलेट का उपयोग शरीर में लीवर, त्वचा, पाचन विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। आरोग्यवर्धिनी वटी का उपयोग हृदय स्वास्थ्य को बेहतर करेगा और शरीर से अतिरिक्त पदार्थ और विषाक्त पदार्थों को मूत्राशय के रास्ते निकालकर रक्त को शुद्ध करने का काम करता है।

उपयोग करने की विधि:
1 गोली दिन में एक या दो बार भोजन से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक चिकित्सक के निर्देशानुसार लें। इसे आमतौर पर शहद, ताजा अदरक के रस, नीम के रस, पानी या दूध के साथ लिया जाता है।

सुरक्षा संबंधी जानकारी:
* फॉर्मूलेशन को ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें
* उपयोग करने से पहले लेबल को ध्यान से पढ़ें
* सलाह दी गई खुराक से अधिक न करें
* बच्चों की पहुंच और दृष्टि से दूर रखें

घरेलू उपचार के द्वारा कैसे करें सिरोसिस का इलाज:


अगर सिरोसिस के लक्षण और कारण को अच्छे से पहचान लिया जाए तो यकृत को स्वस्थ रखा जा सकता है। निम्नलिखित घरेलू उपायों के द्वारा आप लीवर की अनेक समस्याओं से सुरक्षित रख सकते हैं|

* आंवला के अंदर विटामिन सी के अलावा अनेक लाभाकरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो लिवर को सिरोसिस जैसी बीमारी से बचाए रखने के साथ-साथ शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने का भी काम करते नज़र आते हैं|
कैसे करें सेवन-
सेवन करने के लिए आप इसकी चटनी, जूस और मुरब्बा का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप आंवला चूर्ण एक चम्मच को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन कर सकते हैं|

* अलसी के बीज में फाइटोकोन्स्टिट्यूएंटस गुण बहुत ज्यादा पाया जाता है जो लीवर में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है| यह सभी इंफेक्‍शन को दूर करके लीवर को सिरोसिस बीमारी से बचा कर रखने का काम करता है|

उपयोग करने की विधि-
इसके आधा चम्मच चूर्ण को आप सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ सेवन कर सकते हैं|

* हल्‍दी को आयुर्वेदिक चिकित्सा में अनेक रोगों की राम बाण औषधि माना गया है| इसके अंदर एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्‍सीडेंट गुण काफी ज्यादा पाए जाते हैं जो आपके यकृत को मजबूती देने का काम करते हैं| इसका उचित सेवन लिवर सिरोसिस और हेपेटाइटिस बी जैसे रोगों को जड़ से खत्म करने का काम करता है|
ऐसे करें सेवन-
इसके सेवन के लिए आप आत को सोने से पहले एक गिलास देसी गाय के दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर सेवन कर सकते हैं|

* विशेषज्ञ कहते हैं कि लीवर के अनेक समस्याओं में पपीता का उपयोग लाभकारी माना गया है| इसको आप अपने डाइट चार्ट में भी शामिल कर सकते हैं, यह यकृत की बीमारी सिरोसिस को जल्दी ठीक करने में कारगर साबित हो सकता है|
उपयोग करने का तरीका-
इसके प्रयोग के लिए आप पपीते के पत्तों का काढ़ा या फिर 250 ग्राम फल को दोपहर के समय काटकर खा सकते हैं|

* एक शोध यह भी कहती है कि सिरोसिस रोगी को लहसुन का सेवन करना भी लाभकारी साबित हो सकता है| यह शरीर में एकत्रित वसा को खत्म करके मोटापे को कम करने में सहायता करता है| यह प्रयोग पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाने के अलावा लीवर सिरोसिस की बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद करता है|
ऐसे करें सेवन-
सिरोसिस बीमारी में सुबह खाली पेट दो से तीन कली लहसुन की सेवन करनी फायदेमंद मानी जाती है|

लिवर सिरोसिस से पेरशान लोग अक़्सर लिवर की गंभीर बीमारी को कम करने की जल्दी में बिना किसी सलाह के गलत डाइट चार्ट को फॉलो करना शरू कर देते है जिसकी वजह से इसके और भी बुरे परिमाण देखने को मिलते है । किसी की तरह की खाद्य उत्पादका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर ले।

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