आयुर्वेद के मुताबिक मनुष्य को आपने आहार में रेशेदार खाद्य पदार्थों का सेवन अवश्य करना चाहिये| फाइबर युक्त आहार (Fibrous Food) का नियमित रूप से सेवन पाचन क्रिया को संतुलित बनाए रखता है| आधुनिक शोध से पता चला है कि पेट से संबंधित समस्याओं, मधुमेह और हृदय रोगों में रेशेदार आहार का उपोग करना काफी लाभकारी माना जाता है| यह आहार जल्दी पचता नही है इसलिए व्यक्ति को जल्दी भूख नही लगती और शरीर में इंसुलिन का स्तर भी नियंत्रित बना रहता है|

रेशेदार खाद्य पदार्थों (आहार) कैसा होता है?

यह आहार कार्बोहाइड्रेट के समान ही होता है जो हमें फल, सब्जियों, दाल, अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां और अनेक खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है| रेशेदार आहार यानि फाइबर युक्त भोजन के अंदर पोषक तत्वों की काफी कमी होती है जिससे यह पाचन तन्त्र के अंदर टूटने लगता है और बड़ी आंत इनको पचाने के काम में लग जाती है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेशा युक्त आहार आपकी जठराग्नि को मजबूत बनाए रखता है जिससे आप पेट की अनेक बिमारियों से बचे रहते हैं|

रेशेदार आहार के दो प्रकार:-

आयुर्वेदिक चिकित्सा के मुताबिक घुलनशीलता के रूप में रेशेदार आहार के दो प्रकार होते हैं-

*घुलनशील रेशेदार आहार

यह शरीर के अंदर जाने के बाद पानी में मिलते ही पाचन तन्त्र की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं| इसके कारण इंसान को काफी समय तक कुछ भी खाने की जरूरत नही होती| यह आहार वर्तमान समय की बहुत ही गम्भीर और सामान्य बिमारियों कब्ज, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को दूर रखता है|

अघुलनशील रेशेदार आहार

यह आहार बहुत जल्दी पानी में नही घुलता जिससे आपको मल त्यागने में परेशानी नही होती| इसके नियमित सेवन से आप कब्ज जैसी अनेक समस्याओं से बचे रहते हैं|

उपभोग करने योग्य मुख्य रेशेदार आहारों की सूची:-

1. तरबूज– इसके अंदर भरपूर मात्रा में पानी होता है, इसका सेवन शरीर के अंदर खाने को हजम करने के अलावा आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है|

2. अनार– अगर आपको पता हो इस फल के अंदर काफी मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में लाभकारी साबित होता है|

3. नट्स और सीड्स– आयुर्वेद के अनुसार खजूर, बादाम, मूंगफली और पिस्ता जैसे बीजों के अंदर अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखते हैं|

4. गेंहू– अगर गेहूं के चोकर की रोटियां बना कर रोजाना खाई जाए तो इसके अंदर पाया जाने वाला रेशा मधुमेह जैसी बिमारियों को भी दूर कर देता है|

5. बाजरा– बता दें कि इसके अंदर काफी ज्यादा आयरन, रेशा और प्रोटीन पाया जाता है जो शरीर को निरोगी बनाए रखता है|

6. हरी पत्तेदार सब्जियां– लौकी, तरोई, खीरा, पालक, गाजर इन सब्जियों में आयरन और फाइबर काफी पाया जाता है, इनका मौसम के अनुसार सेवन फायदेमंद होता है|

7. मटर– इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखते हैं और फाइबर कोलेस्ट्रोल को संतुलित रखने में मदद करता है|

8. दालें– आधुनिक शोध के अनुसार दालें रेशे का बहुत बड़ा स्त्रोत होती हैं, फाइबर के साथ प्रोटीन का मिलन आपको अनेक बीमारों से दूर रखता है|

9. ज्वार– इसके अंदर पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण हानिकारक बैक्टीरिया को शरीर के अंदर नही आने देता| इसलिए अगर इसके आटे की रोटियां बना कर खाई जाए तो उपयोगी होती हैं|

10. ब्रोकली– इसके अंदर पाए जाने वाले फाइबर, पोटेशियम और जरूरी पोषक तत्व शरीर को निरोगी रखने में सहायता प्रदान करते हैं|

11. नाशपाती– इस फल में फाइबर और मिनरल काफी ज्यादा पाए जाते हैं जो शरीर में भोजन को तरल बनने में मदद करते हैं|

12. जौं– जब भी किसी को पेट और लीवर से संबंधित कोई बीमारी होती है तो आयुर्वेदिक चिकित्सक उसको जौं के आटे की रोटी खाने के लिए बोलते हैं, क्योंकि इसका सेवन लीवर को मजबूती प्रदान करता है|

13. केला– फलों में केला के अंदर काफी मात्रा में रेशा पाया जाता है, इसका आवश्यकता अनुसार उपयोग पाचन क्रिया को भी संतुलित रखता है|

14. मक्का– हरियाणा और पंजाब के रहने वाले लोग काफी मात्रा में मक्के की रोटी का सेवन करते हैं| इसके अंदर का आयरन और फाइबर शरीर को स्वास्थ्यवर्धक बनाए रखने में लाभकारी माना जाता है|

15. बीन्स– राजमा, सोयाबीन और मूंगफली के अंदर रेशेदार आहार के दोनों प्रकार पाए जाते हैं, इनका सेवन हमेशा किसी वैद्य की सलाह के अनुसार ही करना चाहिये|

शरीर के अंदर रेशेदार आहार की कमी के लक्ष्ण:-

* अचानक से वजन का बढ़ जाना|
* शरीर में इंसुलिन का असंतुलित रहना|
* गैस और कब्ज का हो जाना|
* हमेशा थका-थका रहना|
* रात को नींद न आने के कारण बेचैन रहना|
* कोलेस्ट्रॉल अनियंत्रित हो जाना
* भूख ज्यादा लगना

रेशेदार आहार के महत्वपूर्ण फायदे:

अगर आप रोजाना रेशेदार आहार का सेवन करेंगें तो अपने शरीर को निम्नलिखित सामान्य बिमारियों से दूर रख सकते हैं|

* हृदय संबंधित बीमारियाँ– आधुनिक शोध बताती है कि अगर आप नियमित रूप से रेशेदार आहार का सेवन करेंगें तो दिल का दौरा, हार्ट फेल, उच्च रक्तचाप और किडनी फेल हो जाना जैसी अनेक जानलेवा बिमारियों से बचे रहेंगें|

* कब्ज से मिले छुटकारा–  आज मनुष्य तरल पदार्थ के स्वाद के चक्र में रेशेदार भोजन का सेवन करना छोड़ चूका है। आयुर्वेद के अनुसार अगर नियमित प्रकार से इस भोजन का सेवन किया जाए तो कब्ज, गैस और पेट की कई बिमारियों से छुटकारा मिल सकता है|

* मोटापा कम करने में सहायक– आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेशेदार आहार में उचित फाइबर और वसा की उपस्थिति शरीर के अंदर से अतिरिक्त चीनी और कैलोरी को बाहर निकाल देती है| इस भोजन के पोषक तत्व पाचन क्रिया को थोड़ा धीमा कर देते हैं जिससे आपको जल्दी भूख नही लगती और आपका वजन कम होना शुरू हो जाता है|

* कोलेस्ट्रॉल को रखे संतुलित– एक शोध से पता चला है कि रेशेदार आहार का रोजाना सेवन शरीर के अंदर खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने में मददगार साबित होता है| इसके अलावा रक्त विकार, उच्च रक्तचाप जैसी कई बीमारियाँ भी खत्म होने लग जाती हैं|

* शुगर को नियंत्रित रखने में कारगर– आयुर्वेद चिकित्सा कहती है कि रेशेदार आहार का उचित मात्रा में किया गया सेवन आपके शरीर के अंदर इंसुलिन के स्तर को संतुलित बनाए रखता है, जिससे आप खतरनाक बीमारी शुगर से सुरक्षित बने रहते हैं|

More Articles To Read:

मधुमेह या शुगर कैसी बीमारी है, सामान्य लक्षण
बवासीर (पाइल्स) कैसी बीमारी है, सामान्य लक्ष्ण और इसमें आपका डाइट प्लान
कब्ज के लिए आयुर्वेदिक आहार चार्ट