‘अरिवत् प्राणान् शृणोति इति अर्श: ‘

शत्रु के समान प्राणों को जो नष्ट करे उसे अर्श (बवासीर / Piles) कहते हैं ।

बवासीर ( पाइल्स)  कैसी बीमारी है

पाइल्स  (Piles) या बवासीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को गुदा के अंदर व बाहर दर्द महसूस होने लग जाता है और उसके आस-पास मस्से होने शुरू हो जाते हैं| यह बीमारी बहुत ही पीड़ादायक है, इसमें रोगी मल त्याग करते समय सबसे ज्यादा तकलीफ सहन करता है।

अक्सर देखा गया है कि बवासीर बीमारी का पता चलते ही रोगी तुरंत उपचार लेना शुरू कर देता है| परन्तु फिर भी वह इस असहनीय रोग को दूर नही कर पता और अंत में डॉक्टर्स ऑपरेशन करवाने की सलाह देने लग जाते हैं जबकि इसके बाद भी इसका उचित इलाज नही हो पाता है|

अगर आप अपने शरीर को स्वस्थ और बिमारियों से दूर रखना चाहते हैं तो आपको खान-पान और दिनचर्या में परिवर्तन करना होगा| इस पीड़ादायक रोग से ग्रसित इन्सान के लिए आयुर्वेदिक उपचार के साथ उचित आहार का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है|


बवासीर के कुछ सामान्य लक्ष्ण:- Common symptoms of Piles in hindi

बवासीर के कुछ सामान्य लक्ष्ण:
बवासीर के कुछ सामान्य लक्ष्ण:

1. एनस के पास गांठ बन जाना|

2. मल त्याग के समय खून का आना|

3. गुदे के पास खुजली हो जाना।

4. अच्छे से पेट साफ न होना।

5. मस्सों से बार-बार खून आना|

अगर आपको इनमें से कोई भी लक्ष्ण महसूस होता है तो तुरंत किसी वैद्य से सलाह लेकर इसका उपचार करना शुरू कर दें, नही तो आगे चलकर यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है।


बवासीर रोगी के लिए डाइट प्लान:क्या खाएं और क्या न खाएं

बवासीर से पीड़ित रोगी को क्या खाना चाहिए: Food to eat in piles(bawaseer) in hindi

बवासीर से पीड़ित रोगी को अपने आहार में उच्च फाइबर का सेवन करना चाहिए। फाइबर मल में बल्क बनाता है और कठोर मल से राहत देता है।फाइबर शरीर के अंदर पाचन तन्त्र को संतुलित बनाए रखता है जिससे कब्ज जैसी समस्या नही होती|  बवासीर में हमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को रोकने के लिए तेल और मसालेदार भोजन के सेवन नहीं करना चाहिए।

*लाभकारी सब्जियां– बवासीर रोगी को पत्तेदार सब्जियों या हरी सब्जियों का सेवन करना फायदेमंद रहता है। अगर नियमित रूप से शिमला मिर्च, लौकी, करेला, गाजर, कद्दू, मूली, खीरा और पालक का सेवन किया जाए तो इनके अंदर का फाइबर शरीर में जठराग्नि को मजबूत बनाए रखता है जिससे आपको कब्ज और गैस जैसी परेशानी नही होती है|

*अनाज भी है उपयोगी–  आधुनिक शोध के अनुसार अनाज के अंदर काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो बवासीर जैसी गम्भीर बीमारी को दूर करने में सहायक साबित होता है| इसलिए आप दलिया, चावल, जौं, और गेहूं को वैद्य के परामर्शानुसार सेवन कर सकते हैं|

*इन फलों का करें सेवन– आयुर्वेद में बवासीर रोगी को सबसे पहले फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है| ऐसे ही कुछ फल जैसे केला, सेब, खरबूजा, नाशपाती में भरपूर फाइबर पाया जाता है, इनका रोजाना सेवन शरीर में आपके खाने को पचाने का काम करता है|

*महत्वपूर्ण पेय पदार्थ– बवासीर रोगी अगर गाजर, शलगम और पालक का मिश्रण करके जूस का सेवन करे तो उसको काफी फायदा मिल सकता है| यह पेय पदार्थ रोगी की पाचन शक्ति को संतुलित बनाए रखते हैं जिससे उसकी बीमारी धीरे-धीरे खत्म होनी शुरू हो जाती है|

*ये दालें भी हैं फायदेमंद– सब्जियों और फलों के अलावा कुछ दालें भी हैं जिनके अंदर काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है, इनमें सबसे उपयोगी उड़द की दाल, सोयाबीन, काबली चना होते हैं| इनका उचित मात्रा में सेवन पाचन क्रिया को संतुलित रखता है, जिससे बवासीर जैसी पीड़ादायक बीमारी खत्म होने लगती है|

बबासीर रोगी के लिए डाइट प्लान : Diet Plan for Piles (bawaseer) Patients in hindi

ऐसे कर सकते है आप अपनी दिनचर्या की शुरुवात

सुबह-सुबह गर्म पानी + 1 छोटा चम्मच अलसी/एलोवेरा जूस/ व्हीटग्रास जूस

नाश्ता- वेज इडली / वेज सेवइयां (सेंवई) / वेज उपमा (सूजी) / वेज दलिया (टूटा हुआ गेहूं दलिया) / ओट्स / मिस्सी रोटी / भरवां चपाती / सब्जी या दाल के साथ चपाती

मध्य सुबह- नारियल पानी/हर्बल चाय/फलों का रस/फल/नारियल का दूध/नींबू पानी/प्रून जूस

लंच- सब्जी के साथ चपाती/ब्राउन राइस + दाल/चिकन (सप्ताह में एक बार)

शाम- सेंवई/घर का बना सूप/भुना हुआ चने/हरी चाय/हर्बल चाय/अंकुरित

रात का खाना- चपाती + सब्जी + दाल


बवासीर रोगी इन खाद्य पदार्थों से बनाए दूरी:-Food  to  avoid  in bawasheer(Piles)  in  hindi

बवासीर से पीड़ित रोगी को क्या खाना नहीं चाहिए

जब व्यक्ति के शरीर में पाचन क्रिया असंतुलित हो जाती है तो वह कब्ज और गैस जैसी समस्याओं से परेशान हो जाता है| जो आगे चलकर बवासीर एक असहनीय बीमारी का रूप ले लेती हैं, यहाँ हम आपको कुछ ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके सेवन से बचना बहुत जरूरी है|

  1. अगर आपको बवासीर बीमारी को खत्म करना है तो मांसाहारी आहार का सेवन बिल्कुल बंद करना होगा|
  2. रोगी भूलकर भी न करें पनीर और चीस का सेवन।
  3. आइसक्रीम और कोल्डड्रिंक को उपयोग भी हानिकारक|
  4. बवासीर रोगी को फास्ट फूड और तले हुए पदार्थों का सेवन कभी नही करना चाहिये।
  5. डिब्बा बंद खाने के सेवन से बचें|
  6. सब्जी बनाते समय कभी न करें लाल मिर्च का प्रयोग|

बवासीर से ग्रसित व्यक्ति इन बातों का रखे ध्यान:

वर्तमान समय के खराब आहार और अनुचित दिनचर्या ने व्यक्ति की जठराग्नि क्षमता को बहुत कमजोर बना दिया है| आज हर कोई फ़ास्ट फ़ूड और तले हुए खाद्य पदार्थों का दीवाना है परन्तु ये सभी लोग इस बात को नही जानते कि यही खाना शरीर के अंदर आपकी पाचन क्रिया को खराब करता है| जिससे आप बवासीर जैसी पीड़ादायक बिमारियों से ग्रसित हो जाते हैं, इसलिए रोगी आयुर्वेदिक उपचार के साथ उचित खान-पान और दिनचर्या में परिवर्तन जरुर कर लें|

  1. दिन में कम से कम तीन से चार बार खाना खाएं।
  2. हमेशा अपने आप को खुश रखें और नकारात्मक सोच से दूर रहें|
  3. भोजन के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद ही पानी का सेवन करें|
  4. हमेशा सूर्यादय होने से पहले उठें|
  5. सुबह और शाम कम से कम 2 किलोमीटर पैदल चलें|

बवासीर रोगी आसन और प्राणायाम को दे दिनचर्या में महत्वपूर्ण स्थान:-

अगर आप बवासीर से पीड़ित हैं तो आपको आयुर्वेदिक उपचार और उचित आहार के साथ योग, आसन और प्राणायाम को भी जीवन में आवश्यक स्थान देना होगा| ये आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ बवासीर जैसी असहनीय बीमारी को दूर रखने में भी सहायक साबित होते हैं|

  1. मत्स्यासन का प्रयोग फायदेमंद– इस स्थिति में आपका शरीर मछली की तरह हो जाता है, यह आसन पेट के अनेक रोगों को दूर करने के अलावा बवासीर को भी खत्म करने में सहायक साबित होता है|
  2. भुजंगासन लाभकारी– इस आसन की स्थिति में व्यक्ति का शरीर सांप के जैसा नज़र आता है, इसका नियमित उपयोग बवासीर को जड़ से खत्म कर देता है|
  3. सूर्यादय से पहले उठकर सूर्यनमस्कार करने से भी रोगी को काफी लाभ मिल सकता है|
  4. धनुरासन के अनेक फायदे– इस आसन में व्यक्ति का शरीर धनुष जैसा दिखने लगता है, बवासीर रोगी इस आसन के द्वारा बीमारी को जल्दी से जल्दी दूर कर सकता है|
  5. इसके अलावा अनुलोम विलोम, गोमुखासन और सर्वांगासन का रोजाना प्रयोग भी पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखता है|

पाइल्स में डाइट प्लान एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है पर डाइट चार्ट एक रोगी से दूसरे रोगी में उनके चिकित्सा मानकों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। कोई भी डाइट प्लान को इस्तेमाल से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर ले।

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