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अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या खाएं और क्या न खाएं

आधुनिक चिकित्सा के अनुसार अल्सरेटिव कोलाइटिस एक इंफ्लेमेटरी बाउल डिसऑर्डर स्थिति को कहा जाता है| इस गंभीर बीमारी में सूजन मुख्य रूप से मलाशय के अलावा बड़ी आंत के निचले भाग से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरी आंत में फैल जाती है| वर्तमान समय में इस रोग से ग्रसित 50 से 60 % लोग खाना-पीना छोड़ना उचित समझते हैं ताकि इसको आगे बढ़ने से रोका जा सके। अगर सही समय पर इसके लक्षण और कारणों को जान लिया जाए तो आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा इसको दूर किया जा सकता है| उपचार के साथ-साथ उचित आहार का सेवन भी अल्सरेटिव कोलाइटिस रोग को खत्म करने में अहम भूमिका निभाता है| आज हम आपको इस आर्टिकल में अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या खाएं क्या न खाएं, इसके लक्षण, कारण और उपयोगी आहार की जानकारी देने वाले हैं|

अल्सरेटिव कोलाइटिस के मुख्य लक्षण: Symptoms of Ulcerative Colitis in hindi

इस बीमारी के लक्षण किसी में कम और किसी में ज्यादा गंभीर हो सकते हैं| निम्नलिखित मुख्य लक्षणों के बारे में जानकारी लेकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं|

  • इस समस्या के दौरान हमेशा पेट में दर्द और ऐंठन रहती है
  • मल बिल्कुल पतला और रक्तयुक्त आना शुरू हो जाता है
  • बार-बार मल त्यागने का मन करना लगता है
  • मल त्यागने के बावजूद भी अच्छे से पेट साफ़ न होना
  • डायरिया के कारण भी ये समस्या हो सकती है
  • बार-बार बुखार होना भी अल्सरेटिव कोलाइटिस का लक्षण
  • बच्चों की विकास गति रुक जाना
  • हमेशा थका-थका महसूस करना
  • अचानक से वजन कम होने लगना
  • पाचन क्रिया का खराब हो जान
  • दिल का तेज गति के साथ धड़कना
  • गुदा के आस-पास दर्द महसूस होना

अल्सरेटिव कोलाइटिस होने के सामान्य कारण: Ulcerative Colitis Reason in Hindi

लोगों के इम्यून सिस्टम के कमजोर हो जाने के कारण भी इस समस्या के होने का खतरा बना रहता है| निम्नलिखित सामान्य कारणों से अल्सरेटिव कोलाइटिस हो सकती है|

  • वैसे तो यह बीमारी 40 से 60 साल के लोगों में ज्यादा होती है, परन्तु आज-कल के खान-पान से यह 20 से 30 साल तक के युवाओं को भी परेशान कर रही है|
  • अधिक मात्रा में वसा युक्त भोजन के सेवन से अल्सरेटिव कोलाइटिस होने का डर रहता है|
  • दर्दनाशक दवाइयों के ज्यादा उपयोग से भी यह समस्या हो सकती है|
  • अगर व्यक्ति के परिवार में पहले किसी को यह बीमारी थी तो आगे भी किसी ओर को होने का खतरा बना रहता है|

जब इंसान के शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति खत्म होने लगती है तो वह अल्सरेटिव कोलाइटिस से ग्रसित हो सकता है|

अल्सरेटिव कोलाइटिस रोगी ऐसा रखे अपना डाइट प्लान: Diet chart for Ulcerative Colitis in hindi

इस बीमारी के रोगी को सूर्योदय से पहले उठकर एक बड़ा गिलास गुनगुना पानी नियमित रूप से पीना चाहिये|

  • इसके रोगी नाश्ते में दलिया, पोहा, 2 फुल्का रोटी चोकर आटे की, मल्टीग्रेन आटे की या फिर स्प्राउट्स का सेवन कर सकते हैं।
  • दोपहर में आप 2 रोटियां हरी सब्जी या दाल के साथ और सलाद, दही, लस्सी का उपयोग कर सकते हैं|
  • सांयकालीन समय में आप ताजा जूस, मौसमी फल सेंधा नमक डाल के और नारियल के पानी का सेवन कर सकते हैं|
  • रात के भोजन में रोगी हरी सब्जी या फिर दाल के साथ 2 रोटी खा सकते हैं|

इस आहार का सेवन भूलकर भी न करें:- Food to avoid in Ulcerative Colitis in hindi

  • ब्रोकली, साबुत अनाज के अंदर अघुलनशील फाइबर पाया जाता है, इसलिए रोगी इस आहार के सेवन से बचे।
  • अत्यधिक वसा युक्त खाद्य पदार्थ जैसे डिब्बा बंद दूध, मक्खन और क्रीम का सेवन न करें|
  • दूध से तैयार खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, आइसक्रीम, दूध और दही के सेवन से बचना चाहिए, यह पेट में अनेक बीमारियों को आमंत्रित कर सकते हैं|
  • भूलकर भी न करें कैंडी, आइसक्रीम, नाशपाती, पेस्ट्री और आडू जैसे अत्यधिक शुगर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन|
  • बियर, वाइन, कॉफी, शराब, नशीले पेय पदार्थों से दूरी बनाएं|
  • तले हुए आहार और जंक फ़ूड को नज़रंदाज़ करें|

उपभोग करने योग्य आहारों की सूची: Food to eat in Ulcerative Colitis in hindi

  • अनाज- चोकरयुक्त गेहूं, जौ और पुराने चावल|
  • दाल- अरहर और मूंग की दाल|
  • सब्जियां- लौकी, करेला, सिंघाड़ा, तोरई और हरी पत्तेदार सब्जियां|
  • फल- केला, सेब और मौसमी फल वैद्य की सलाह अनुसार सेवन करें|

आयुर्वेदिक चिकित्सा में इन सभी के अलावा बकरी का दूध, धनिया, खीरा, तरबूज और तिल का तेल भी लाभकारी माना गया है|

योग, आसन और प्राणायाम:–

अल्सरेटिव कोलाइटिस के रोगी को नियमित रूप से निम्नलिखित योग, आसन और प्राणायाम का प्रयोग करना चाहिये|

  • योग: भस्त्रिका, कपालभाति
  • प्राणायाम: बाह्य प्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी
  • आसन: पश्चिमोत्तानासन, सर्वांगासन, पवनमुक्तासन, गोमुखासन, मंडूकासन, शशकासन और योगमुद्रासन

अल्सरेटिव कोलाइटिस में कुछ घरेलू उपाय:–

  • विटामिन डी का करें भरपूर सेवन–आयुर्वेदिक चिकित्सा कहती है कि अगर किसी व्यक्ति को अल्सरेटिव कोलाइटिस या फिर आंत से संबंधित कोई भी समस्या है, उसको विटामिन डी का सेवन करना कारगर माना गया है| इसके लिए आप संतरे का जूस और देसी गाय का A2 दूध रोजाना सेवन कर सकते हैं|
  • नारियल तेल गुणकारी– इसका प्रयोग करने के लिए आप ताजा नारियल का तेल भोजन पकाने में उपयोग कर सकते हैं| शरीर के अंदर जाने के बाद यह आंत की अनेक समस्याओं को खत्म करने का काम करता है| यह प्रयोग अल्सरेटिव कोलाइटिस को दूर करने के अलावा शरीर की मांसपेशियों को मजबूती भी प्रदान करता है|
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं– अल्सरेटिव कोलाइटिस रोगी को एक दिन में कम से कम 6 से 7 लीटर पानी अवश्य पीना पीना चाहिए, यह शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया को मूत्राशय के रास्ते बाहर निकालने का काम करता है| इसके अलावा आप जूस, लस्सी, छाछ और नारियल पानी का सेवन भी कर सकते हैं|
  • घृतकुमारी के अनेक फायदे– घृतकुमारी यानि एलोवेरा का पौधा आयुर्वेद में अनेक गुणों की खान माना गया है| इसके अंदर एंटी ऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो आंत की सूजन को खत्म करने में अहम भूमिका निभाते हैं| आधुनिक शोध की मानें तो इसका जूस आंत की सूजन को बहुत जल्दी जड़ से खत्म कर देता है|
  • प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ लाभकारी– अल्सरेटिव कोलाइटिस समस्या से परेशान व्यक्ति को प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है| इसके प्रयोग के लिए आपको देसी गाय का दूध, टोफू पनीर, कॉटेज चीज, दलिया, अंडा, मछली, मूंगफली और व्‍हाइट बींस का उपयोग करना चाहिये, ये सभी प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत माने गए हैं|

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About Dr. Ranjana Kaushal

Dr. Ranjana Kaushal (MD Ayurveda) has 11 years of experience in the field of Ayurveda. Right now she is working as an Ayurveda consultant with Life Aveda. She has immense knowledge about herbs, their uses, and formulations. She has published articles related to many herbs and diseases in an international journal. She is also a degree holder in yoga and naturopathy. Read More..

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