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एलर्जी के प्रकार, लक्षण, कारण, परीक्षण और इससे बचाव कैसे करें

सामान्य सी दिखने वाली आम समस्या एलर्जी आपके शरीर में अनेक हानिकारक रोगों को आमंत्रित कर सकती है| कुछ लोग तो इसको नज़रंदाज़ करते हुए सारी जिंदगी परेशान रहते हैं| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके लक्षण और कारण हर व्यक्ति में भिन्न भिन्न पाए जा सकते हैं|

जब कोई हानिकारक बैक्टीरिया इंसान के शरीर में श्वास नली के रास्ते अंदर प्रवेश कर जाता है तो कुछ ही दिनों बाद उसका असर एलर्जी के रूप में दिखना शुरू हो जाता है| वर्तमान समय में धूल-मिट्टी, फुल, पशुओं और पक्षियों से एलर्जी रहती है, इसके अलावा कुछ खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दही, मूंगफली, अंडा से भी किसी न किसी को यह समस्या हो सकती है|

आज इस लेख में हम इस समस्या के प्रकार, कारण, लक्षण, परीक्षण और इलाज़ के बारे में अति आवश्यक जानकारी साझा करने वाले हैं तो कृप्या हर एक बिंदु को ध्यान से पढ़ें|

एलर्जी रोग परिचय : Introduction of Allergy

यह समस्या व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक कम होने से ज्यादा परेशान कर सकती है। अगर आपको पता रोग प्रतिरोधक व्यक्ति के शरीर के अंदर एंटीबॉडी बनाए रखने का काम करती है जिसके मजबूत होने से एलर्जी जैसी कई हानिकारक बीमारियों से बचा जा सकता है| इम्यून सिस्टम कमजोर होने से इसका असर आपकी त्वचा, एयरवेज और साइनस पर 3 से 4 दिनों में दिखना शुरू हो जाता है| इस समस्या में लोगों से दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इसका संक्रमण काफी जल्दी फैलता है|

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस आम सी दिखने वाली समस्या को जल्दी दूर न किया जाए तो यह आने वाले समय में गंभीर एलर्जी एनाफिलेक्सिस का रूप ले सकती है| इसमें व्यक्ति को साँस लेने में भी परेशानी होने लगती है यही वजह है कि इसको जानलेवा एलर्जी भी कहा जाता है। आज के समय में भारत देश के अंदर 35 से 40 % लोग अलग-अलग प्रकार की एलर्जी का शिकार हैं|

एलर्जी के प्रकार : Types of Allergy in Hindi

हर व्यक्ति में अलग लक्षण और कारण इसके कई प्रकार माने गए हैं। काफी लोगों को तो यह समस्या पूरी जिंदगी बनी रहती है परन्तु कुछ में इसका असर एक निश्चित समय में दिख सकता है| निम्नलिखित प्रकारों को ध्यान में रखकर आप एलर्जी से सुरक्षित बने रह सकते हैं|

त्वचा की एलर्जी : किसी खाद्य पदार्थ के सेवन या इस समस्या को पैदा करने वाले एलर्जेन के संपर्क में बने रहने से त्वचा पर इसका असर दिख सकता है| इसको लक्षण के रूप में पहचाना जा सकता है, स्किन एलर्जी में त्वचा पर लाल चकत्ते, त्वचा पर जलन, आंखों में खुजली होना या उसमें सूजन आना, त्वचा पर पित्ती होना और गले के अंदर सूजन और खराश जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं|

दवाइयों से एलर्जी : वर्तमान समय की कई रिपोर्ट बताती हैं कि काफी लोग दवाइयों के सेवन से भी एलर्जी का शिकार हो जाती हैं| इनका अधिक उपयोग इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है जिसका असर शरीर पर दिखना शुरू हो जाता है| इस एलर्जी में त्वचा पर रैशेज, पूरे शरीर में सूजन और आंखों में खुजली होने लग जाती हैं|

फूड एलर्जी : काफी लोगों को कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से भी परेशानी हो सकती है जिसको फूड एलर्जी कहा जाता है इसमें व्यक्ति के चेहरे पर सूजन, पित्त की समस्या, हर समय थका-थका महसूस होना और त्वचा पर लाल निशान हो जाना इसके मुख्य लक्षण हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी महसूस होता है तो उसी समय वैद्य से सलाह लेकर उपचार लेना शुरू कर दें|

किट और पशुओं की एलर्जी : कई लोगों को किसी कीट के डंक मारने से भी एलर्जी हो सकता है इसमे व्यक्ति के शरीर पर लाल चकत्ते, त्वचा पर जलन और सूजन आ सकती है| इसके अलावा कुछ जानवरों के संपर्क में आने से भी यह समस्या होना आम बात है| शरीर की रूसी भी एलर्जी का कारण बन सकती है। कुछ लोगों को जानवरों को छूने से छींक आने लगती है।

धूल की एलर्जी : कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो धूल के संपर्क में आते ही छींकने लग जाते हैं, इस समस्या में नाक बहना, गले में सूजन या खराश की समस्या और आंखों पर सूजन आने लग जाती है|

एलर्जी के लक्षण : Allergy Symptoms in Hindi

निम्नलिखित लक्षणों को ध्यान में रखकर इस समस्या से बचा जा सकता है

1. इस समस्या में व्यक्ति की आँखों में पानी आता रहता है, उनमें लाली, जलन और खुजली होने लग जाती हैं|
2. कई शोध ये भी बताती हैं कि शरीर की बाहरी त्वचा लाल चकत्ते हो सकते हैं|
3. खांसी एलर्जी का मुख्य लक्षण है|
4. अगर बार-बार अआपकी नाक से पानी बह रहा है तो इस परेशानी को नज़रंदाज़ न करें|
5. कई लोगों के थोड़ा सा चलने फिरने में साँस फूलने लग जाते हैं, इसको भी एलर्जी का अहम लक्षण माना गया है|
6. इन सभी के अलावा चेहरे, आँख, जोड़ों में सूजन, चक्कर आना, बार बार छींक लगना, सर्दी और जुकाम भी इस समस्या के लक्षण माने हैं|

एलर्जी के कारण : Allergy Causes in Hindi

* कई लोगों को मौसम परिवर्तन होते ही एलर्जी परेशान करना शुरू कर देती है|
* किसी कीट के संपर्क के कारण भी यह समस्या हो सकती है|
* बता दें कि धुल के अंदर पाया जाने वाला माइक्रोब्स बैक्टीरिया भी एलर्जी का कारण माना गया है|  
* परफ्यूम, ब्यूटी प्रॉडक्ट का अधिक उपयोग त्वचा को अनेक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है|
* घास-फूस और फूल पत्तों के सम्पर्क में आने से भी एलर्जी आपको अपना शिकार बना सकती है|

कैसे करें एलर्जी का परीक्षण: Diagnosis of Allergy in Hindi

आधुनिक विशेषज्ञ इस समय के परीक्षण के लिए स्किन टेस्टिंग करवाने की सलाह देते नज़र आते हैं। इस टेस्ट में शरीर की त्वचा पर एक तरल पदार्थ डाल दिया जाता है जिससे एलर्जी उत्पन होती है| इसके बाद उस जगह को थोड़ा सा रगड़ा जाता है, अगर इसके 15 से 20 मिनट बाद व्यक्ति की त्वचा पर असर दिखना शुरू हो जाए तो उसको एक प्रकार की एलर्जी माना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह परीक्षण दमा, कीट के डंक की एलर्जी, खाद्य पदार्थों और रायनाइटिस जैसी गम्भीर बीमारी के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी देता है|

एलर्जी से बचाव: Prevention From allergies in Hindi

* मसालेदार भोजन के सेवन से बचें
* आहार में फैटी फूड का उपयोग भूलकर भी न करें|
* वसा से भरपूर आहार का सेवन ज्यादा करने से साँस लेने में परेशानी हो सकती है|
* हमेशा कोशिश करें कि खाने में सेंधा नमक का ही प्रयोग हो|
* प्रतिदिन ग्रीन टी का सेवन जरूर करें|
* मौसमी फल, हरी सब्जियां, प्याज और शहद इन सभी का सेवन आपके शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ा देता है|

एलर्जी का आयुर्वेदिक उपचार

आधुनिक विज्ञान में एलर्जी का इलाज बहुत कारगर नहीं है। ये दवाएं अस्थायी रूप से अपना असर दिखाती हैं , और आपकी बीमारी को दबा देती है, लेकिन आयुर्वेदिक दवाएं पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से एलर्जी के इलाज में काफी असरदार होती हैं। आयुर्वेदिक औषधियां प्रकृति से प्राप्त जड़ी-बूटियों से तैयार की जाती हैं जो रोग का उसके मूल कारण से उपचार करती हैं।

आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों का पालन करते हुए, LIFE AVEDA ने सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले हर्बल औषद्यि का उपयोग करके एलर्जी के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाई को तैयार किया।

Aller GI Capsules

लाइफ अवेदा की निर्माण इकाई में तैयार किए गए एलर-जीआई कैप्सूल में अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा), शिरीष (अल्बिजिया लेबेक), हरिद्रा (कर्कुमा लोंगा) और नीम (अजादिराच्टा इंडिका) के उच्च गुणवत्ता वाले अर्क हैं।

ये सभी जड़ी-बूटियाँ विभिन्न प्रकार की एलर्जी का इलाज करने के लिए सहक्रियात्मक तरीके से काम करती हैं, और इसको लेने से कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है। ।

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About Dr. Ranjana Kaushal

Dr. Ranjana Kaushal (MD Ayurveda) has 11 years of experience in the field of Ayurveda. Right now she is working as an Ayurveda consultant with Life Aveda. She has immense knowledge about herbs, their uses, and formulations. She has published articles related to many herbs and diseases in an international journal. She is also a degree holder in yoga and naturopathy. Read More..

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