इनफर्टिलिटी की समस्या पुरूष और महिला दोनों में पाई जाती है, जिसे मेल इनफर्टिलिटी और महिलाओं में इनफर्टिलिटी के नाम से जाना जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी ख़ुशी माँ बाप बनने की है, हर दंपत्ति चाहते हैं कि उनका घर नन्हे मेहमान की किलकारियां से गूंज उठे। परन्तु वर्तमान समय के खानपान और खराब दिनचर्या की वजह से यह सम्भव नही हो पाता है, आधुनिक चिकित्सा में इसका सबसे बड़ा कारण इनफर्टिलिटी को माना जाता है| सामान्य भाषा में इस समस्या को बांझपन के नाम से भी जाना जाता है, इस स्थिति में दंपत्ति जोड़ा बच्चे पैदा नही कर पाता| इनफर्टिलिटी की यह परेशानी मेल और फीमेल दोनों में से किसी को भी हो सकती है|
फीमेल इनफर्टिलिटी: Female Infertility in Hindi
आधुनिक समाज में अगर कोई दंपत्ति बच्चे पैदा नही कर पा रहा तो उसका सबसे बड़ा कारण फीमेल इनफर्टिलिटी को मान लिया जाता है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह धारणा सही नही है, मेल (पुरुष) भी इनफर्टिलिटी का शिकार हो सकते हैं| अंत में यही कहा जा सकता है कि आपको फीमेल इनफर्टिलिटी के बारे में आवश्यक बातों का पता होना बहुत जरूरी है| आज लोगों द्वारा बांझपन को गर्भधारण न कर पाने वाली महिला के रूप में जाना जाता है| आज इस महत्वपूर्ण लेख में हम महिलाओं की इनफर्टिलिटी क्या है, इसके लक्षण, कारण, परीक्षण और बचाव के बारे में आवश्यक जानकारी साझा करने वाले हैं|
7 महिलाओं में इनफर्टिलिटी के लक्षण – Women Infertility Symptoms in Hindi
निम्नलिखित लक्षणों के बारे में जानकर आप इस समस्या से सुरक्षित बने रह सकते हैं….
* सिर के बाल पतले होने लग जाते हैं
* महिला के हाथ और पैर ठंडे पड़ जाते हैं
* महिलाओं की यौन इच्छा नही हो पाती
* मासिक धर्म का अनियमित होना
* मासिक चक्र प्रिक्रिया न होना
* शरीर का वजन बढ़ने लग जाना
* महिलाओं के चेहरे पर अनचाहे बाल आना
5 फीमेल इनफर्टिलिटी के मुख्य कारण- Women Infertility Causes in hindi
1. आधुनिक चिकित्सकों का मानना है कि अगर गर्भाशय के अंदर फाइब्रॉयड, पॉलीप्स जैसी समस्या उत्पन्न हो जाए तो गर्भधारण करने में दिक्कत हो सकती है| बता दें कि जब महिला के गर्भाशय सतह के आस-पास काफी ज्यादा मात्रा में हानिकारक कोशिकाएं बनना शुरू हो जाती है जो गर्भाशय में पॉलीप्स, फाइब्रॉयड की स्थिति पैदा कर सकती है जिससे गर्भ धारण न होने का मुख्य कारण माना गया है|
2. ऐसा भी देखा गया है कि अगर किसी महिला के हार्मोन्स सामान्य अवस्था में परिवर्तित नही हो रहे तो उनको भी गर्भवती होने में मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है| अगर आपको पता हो महिलाओं के हार्मोन बदलने से ही उनके अंडाशय से अंडे बनने की प्रक्रिया शुरू होती है| सामान्य हार्मोन्स परिवर्तन क्रिया गर्भाशय के आस-पास मोटी परत बना देती है जिससे महिला की गर्भधारण करने की क्षमता ओर ज्यादा बढ़ जाती है|
3. वैसे तो महिलाओं में इनफर्टिलिटी के अनेक कारण माने गए हैं लेकिन उनमें से महिला की उम्र को सबसे अहम कारण माना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महिलाओं की आयु बढ़ने के साथ-साथ उनके अंडाशय से अंडे बनने की प्रक्रिया भी धीरे-धीरे कम होती चली जाती है जिसका कारण ये हो है कि उनको गर्भ धारण करने में परेशानी शुरू हो जाती है। यह स्थिति बढ़ जाने पर महिलाओं का प्रजनन समय भी कम होने लग जाता है, आधुनिक शोध की मानें तो 35 की उम्र हो जाने के बाद महिलाओं को गर्भधारण में ज्यादा मुसीबतें आ सकती हैं|
4. महिलाओं की योनी में एक फैलोपियन ट्यूब होता है जो अंडे को गर्भाशय तक पहुँचाने का काम करता है जिसके बाद वह भ्रूण के रूप में विकसित होने लग जाता है| अगर महिलाओं के पेल्विक के अंदर किसी भी प्रकार का इंफेक्शन है या फिर उसकी सर्जरी हुई है तो उसके कारण यह पुरुषों के स्पर्म को अंडाशय में आने से बाधित कर सकता है जिससे फीमेल इनफर्टिलिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती है|
5. महिलाओं की सरवाईकल की समस्या भी महिलाओं में इनफर्टिलिटी को बढ़ावा दे सकती है, इन सभी के अलावा बलगम ज्यादा एकत्रित हो जाना, किसी भी प्रकार की सर्जरी और 30 साल की उम्र के बाद बच्चे के बारे में प्लानिंग भी इस समस्या का कारण माने गए हैं|
महिलाओं में इनफर्टिलिटी का परीक्षण: Diagnosis of Women Infertility in Hindi
निम्नलिखित परीक्षण के द्वारा डॉक्टर महिलाओं की प्रजनन क्षमता की जांच कर सकता है |
* लेप्रोस्कोपी परीक्षण-– इस परीक्षण में डॉक्टर महिला के पेट को हल्का सा चीर देता है जिसके बाद एक पतला सा ट्यूब अंदर डालता है, इसके अंदर एक कैमरा होता (लेप्रोस्कोप) इसके द्वारा वह स्त्री के गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय के अंदर हुए किसी भी प्रकार के असामान्य विकास या परिवर्तन की जांच करता हैं। इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य फैलोपियन ट्यूब अच्छे से काम कर रही है या नही ये देखना भी होता है|
* एचएसजी टेस्ट– यह टेस्ट महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा दर्दनाक और अहम होता है, इसमें डॉक्टर्स उनके प्राइवेट पार्ट का अल्ट्रासाउंड, एक्सरे करते हैं। इसमें डॉक्टर महिला की योनी के अंदर डाई इंजेक्ट कर देते हैं जो योनी के अंदर फैलोपियन ट्यूब के द्वारा अंदर घूमता रहता है। इस परीक्षण माध्यम का सबसे अहम उद्देश्य इस बात का पता करना होता है कि अंडे को गर्भाशय तक लेके जाने वाली फैलोपियन ट्यूब कहीं बंद तो नही हो गई है|
फीमेल इनफर्टिलिटी से बचने के उपाय: Prevention of Women Infertility in Hindi
निम्नलिखित उपायों के द्वारा महिलाएं इस गम्भीर समस्या से बची रह सकती हैं
* हर महिला को अपने मासिक धर्म के बारे में पता होना चाहिए, वह किस दिन शुरू हुए और कब खत्म| अगर आपको मासिक चक्र से सम्बन्धित कोई भी समस्या दिखाई देती है तो उसी समय डॉक्टर से सलाह लेकर उपचार शुरू कर देना चाहिए, नही तो आगे चलकर यह स्थिति फीमेल इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है|
* एक आधुनिक शोध ये भी कहती है कि कुछ महिलाएं पारिवारिक स्थिति अच्छी न होने के कारण तनाव में रहने लगती है| जिसका अगर असर उनके हार्मोन्स पर दिखता है और वह असंतुलित होने लगते हैं, इसलिए हमेशा तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें|
* धूम्रपान, नशीले पेय पदार्थ और जंक फ़ूड का अधिक सेवन आपके प्रजनन तन्त्र की क्षमता कमजोर बना सकता है, इसलिए इनके उपयोग से बचें|
* वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें ताकि प्रजनन क्षमता को बढ़ाया जा सके और फीमेल इनफर्टिलिटी के खतरे को कम किया जा सके|
महिलाओं में इनफर्टिलिटी का इलाज – Women Infertility Treatment in Hindi
Life Aveda फीमेल इनफर्टिलिटी केयर पैक में हर्बल सप्लीमेंट शामिल हैं जो महिलाओं में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, वात दोष से महिला प्रजनन क्षमता अत्यधिक प्रभावित होती है, इसलिए इस दोष से छुटकारा पाना बहुत जरूरी है। Life aveda Female infertility combo pack में उपलब्ध हैं ये हर्बल सप्लीमेंट जिससे महिला बांझपन दूर किया जा सकता है। गोक्षुर एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो महिलाओं में संतानहीनता दूर करने में काफी मददगार है। इनके अलावा लोधर, शतावरी, अश्वगंधा, कौंच बीज जैसी कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां हैं।
महिलाओं में इनफर्टिलिटी पैक के लाभ
- गर्भावस्था में मदद करता है
- हार्मोनल असंतुलन बनाए रखें
- ओव्यूलेशन को विनियमित करें
- गर्भाशय ग्रीवा के श्लेष्म को गुप्त करता है
- तनाव हार्मोन को नियंत्रित करें
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