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डेंगू बुखार को आयुर्वेदिक उपचार से कैसे दूर करें, डेंगू मच्छर को कैसे पहचाने

काफी समय से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस तबाही मचा रहा है, परन्तु इसी के बीच एक आम बीमारी का रूप ले चुकी डेंगू ने लोगों को फिर से प्रभावित करना शुरू कर दिया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में सबसे पहले इस बीमारी ने दिल्‍ली, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों को अपना शिकार बनाया और उसके बाद धीरे-धीरे मलेरिया और चिकनगुनिया के साथ-साथ पूरे देश में वायरस की तरह फैल गई|

डेंगू बुखार से अकेले यूपी में हजारों लोग अपनी जान गवा चुके हैं, इस बीमारी का वायरस मादा मच्छर के काटने से फैलता है। इसमें रोगी को कई दिनों तक बुखार रहता है, इसके अलावा पूरे शरीर के जोड़ों में असहनीय दर्द, सिरदर्द, त्वचा पर लाल निशान होने शुरू हो जाते हैं| अगर समय पर इसका टेस्ट करवा कर उचित आयुर्वेदिक उपचार शुरू कर दिया जाए तो इससे जान बच सकती है।

डेंगू बुखार के सामान्य लक्षण: Dengue Fever Symptoms in hindi

डेंगू बुखार के लक्षण हर व्यक्ति में अलग दिखाई दे सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा कहती है कि बच्चों के अलावा किशोर अवस्था में साधारण डेंगू होने की वजह से इस बीमारी के लक्षण दिखाई नही देते| निम्नलिखित लक्षणों को ध्यान में रखकर आप इस जानलेवा बीमारी से सुरक्षित रह सकते हैं|

* अक्सर देखा गया है कि इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के सिर में काफी दर्द रहता है|
* शरीर के हर एक जोड़ में दर्द रहना शुरू हो जाता है|
* व्यक्ति हर समय थका-थका महसूस करता है|
* रोगी की आँखें हमेशा दर्द करने लग जाती हैं|
* व्यक्ति की त्वचा पर लाल निशान होने शुरू हो जाते हैं|  
* आधुनिक शोध कहती है कि ग्लैंड्स में भी सूजन आनी शुरू हो जाती है|
* पेट में हल्का-हल्का दर्द रहने लगता है|
* स्थिति खराब होने पर व्यक्ति के मसूड़ों से खून आना शुरू हो जाता है|
* रोगी के मल और मूत्र से भी खून आने लग जाता है|
* डेंगू से ग्रसित व्यक्ति को साँस लेने में परेशानी और हमेशा बेचैनी रहने लग जाती है|

डेंगू मच्छर को कैसे पहचाने

डेंगू वायरस से फैलने वाली जानलेवा बीमारी है जो मादा एडीज मच्छर के काटने से होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह मच्छर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जगहों पर ज्यादा पाया जाता है|

इस वायरस का इन्फेक्शन काटने के 3 दिन से 10 दिन के बाद अपना असर दिखाना शुरू करता है| यह मच्छर धारियों वाला होता है जो दिन में ही लोगों को अपना शिकार बनाता है| डेंगू बरसात का मौसम आते ही यानि जुलाई से नवम्बर महीने तक फैलता है, इन दिनों में जगह-जगह पानी खड़ा रहता है जो इसको पनपने में मदद करता है|

डेंगू बुखार के बारे में कुछ जरूरी बातें:

डब्ल्यूएचओ WHO की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 400000 से 500000 लोग एडीज मच्छर का शिकार हो जाते हैं| विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पिछले दो दशकों में डेंगू के मामलों की संख्या 2000 में 505,430 मामलों से बढ़कर 2010 में 2.4 मिलियन और 2019 में 5.2 मिलियन से अधिक हो गई है।

जबकि मृत्यु की रिपोर्ट 960 से बढ़कर 4032 हो गई है। साल 2000 और 2015 के बीच इसका प्रभाव 129 देशों में रहा, जबकि 70% अकेले एशिया में इसका असर देखने को मिला है। 2020 में इस बीमारी ने बांग्लादेश, ब्राजील, इक्वाडोर, भारत, इंडोनेशिया, मालदीव, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका जैसे देशों में लोगों को काफी प्रभावित किया है|

डेंगू बुखार को कैसे पहचानें:

* आधुनिक चिकित्सा के मुताबिक इसके 4 प्रकार डेन 1, डेन 2, डेन 3 डेन 4 होते हैं|
* बता दें कि 1 और 3 डेंगू बुखार , 2 और 4 से ज्यादा जानलेवा माना जाता है।
* डेंगू मच्छर का वायरस व्यक्ति के रक्त में 3 से 7 दिन तक बना रह सकता है|
* इसके लक्षण 3 दिन बाद दिखने लग जाते हैं|
* यह बुखार होता है और ठीक हो जाता है, यही स्थिति 10 दिनों तक लगातार बनी रह सकती है|
* स्थिति गंभीर हो जाने पर व्यक्ति को हॉस्पिटल भी ले जाया जा सकता है।

डेंगू बुखार का आयुर्वेदिक इलाज: Ayurvedic Treatment of dengue Fever in hindi

अगर सही शब्दों में कहा जाए तो डेंगू को दूर करने की आज तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है, परन्तु अगर लक्षणों को जानकर उचित आयुर्वेदिक उपचार शुरू कर दिया जाए तो इसको जड़ से खत्म किया जा सकता है| इस बीमारी में रोगी को जितना ज्यादा हो सके आराम करना होता है और तरल पदार्थों का सेवन भी काफी लाभकारी माना जाता हैं|

आयुर्वेदिक उपचार को दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धतियों में से एक माना गया है जो आपके शरीर को अंदर और बाहर से स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक शक्ति को संतुलित रखने में मदद करता है| यहाँ हम आपको डेंगू को दूर करने की कुछ महत्वपूर्ण हर्बल औषधियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके उचित सेवन के द्वारा इस बीमारी को खत्म किया जा सकता है|

गिलोय

गिलोय–  गिलोय आपकी पाचन क्रिया और बिमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने में मददगार साबित होती है| इसका सेवन शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया को घुसने नही देता और आप डेंगू से जल्दी छुटकारा पा लेते हैं।

इसके अलावा यह प्लेटलेट को भी बढ़ाने का काम करती है, इसका सेवन करने के लिए आप गिलोय के छोटे छोटे डंठल एक गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा तैयार कर लें, जब यह ठंडा हो जाए तो इसको पी लें|

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अश्वगंधा-  इस औषधि के अंदर एंटीऑक्सिडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायता करते हैं|

व्हीट ग्रास-  यह जड़ी-बूटी पाचन क्रिया को संतुलित रखने के अलावा, रोग प्रतिरोधक क्षमता और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मदद करती है।

पपीते के पत्ते का रस- पपीते के पत्ते का रस डेंगू बुखार के कारण घटते प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने का काम करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी अच्छा बनाता है। इसका सेवन करने के लिए कुछ पपीते के पत्ते लें और रस निकालने के लिए उन्हें अच्छे से मसल दें, इस प्रयोग का सेवन हमेशा वैद्य की सलाह लेकर ही करें|

अमरूद का रस- अमरूद के रस में अनेक लाभकारी पोषक तत्वों पाए जाते हैं, इसको विटामिन सी का खजाना भी कहा जाता है जो प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में काफी मददगार होता है। अपने आहार में ताजे अमरूद के रस को शामिल करना डेंगू से निपटने के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

इन बातों का रखें खास ध्यान:

  1. डेंगू से बचाव के लिए घनी आबादी वाले इलाकों से दूर रहें|
  2. हमेशा घर के अंदर और बाहर दोनों जगह मच्छर भगाने वाली दवा का प्रयोग करते रहें।
  3. भोजन विशेष रूप से नाश्ता न छोड़ें।
  4. पानी की सेवन दिन में 8-से 10 गिलास करें
  5. एक दिन में 6-8 भीगे हुए बादाम का सेवन करें।
  6. हमेशा साबुत फलों के रस को प्राथमिकता दें।
  7. नियमित रक्त परीक्षण द्वारा अपने प्लेटलेट काउंट की निगरानी करें।
  8. बुखार के लिए एस्पिरिन या कोई एनएसएआईडी न लें।
  9. लाल धब्बे, किसी भी स्थान से रक्तस्राव, काला मल, अत्यधिक उनींदापन, सांस फूलना, त्वचा का पीलापन और बार-बार उल्टी होना जैसे लक्षणों के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
  10. हमेशा आसानी से पचने योग्य भोजन जैसे उबला हुआ भोजन, सब्जियां, केला, सेब का सूप, दलिया और हर्बल चाय का सेवन करें।
  11. डेंगू बुखार के प्राकृतिक उपचार के रूप में विटामिन सी भरपूर मात्रा में भोजन में लें क्योंकि यह तेजी से ठीक होने के लिए एंटीबॉडी को बढ़ावा देता है।
  12. जुलाई से नवम्बर के महीने में लंबी बाजू की शर्ट पहन कर रखें|
  13. अगर आप बाहर सो रहे हैं तो मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें।
  14. दिन में अपने घर की खिड़कियाँ और दरवाजे बंद ही रखें|

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About Dr. Ranjana Kaushal

Dr. Ranjana Kaushal (MD Ayurveda) has 11 years of experience in the field of Ayurveda. Right now she is working as an Ayurveda consultant with Life Aveda. She has immense knowledge about herbs, their uses, and formulations. She has published articles related to many herbs and diseases in an international journal. She is also a degree holder in yoga and naturopathy. Read More..

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