आज हम एलर्जी के आयुर्वेदिक उपचार, प्राकृतिक जड़ी बूटी और औषधि के लाभ और नुकसान के बारे में जानकारी साझा करने वाले हैं| आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार एलर्जी की समस्या आपको अनेक कारणों से हो सकती है|

इसका असर किसी व्यक्ति के संम्पर्क, खाद्य पदार्थों के सेवन और दवाइयों के उपयोग से भी हो सकता है| इस समस्या मुख्य रूप से धुल-मिटटी, मौसम परिवर्तन और पेड़ और फूलों के संम्पर्क में आने से होती है| एलर्जी में व्यक्ति की आंखों में सुजन-खुजली, गले में खराश, मुंह से बदबू आना, चेहरे और आँखों पर सुजन, हमेशा पेट दर्द रहना, सर्दी और जुखाम जैसे लक्षण दिख सकते हैं| एलर्जी के लक्षण, कारण, प्रकार और इसके बचाव की महत्वपूर्ण जानकारी हम आपको इससे पहले वाले आर्टिकल में दे चुके हैं|

लाइफ अवेदा की निर्माण इकाई में तैयार किए गए एलर-जीआई कैप्सूल में अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा), शिरीष (अल्बिजिया लेबेक), हरिद्रा (कर्कुमा लोंगा) और नीम (अजादिराच्टा इंडिका) के उच्च गुणवत्ता वाले अर्क हैं।

ये सभी जड़ी-बूटियाँ विभिन्न प्रकार की एलर्जी का इलाज करने के लिए सहक्रियात्मक तरीके से काम करती हैं, और इसको लेने से कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है। ।

एलर्जी के आयुर्वेदिक उपचार : Ayurvedic treatment of allergy in hindi

आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में पाचन क्रिया की खराबी को इस समस्या का सबसे अहम कारण माना जाता है। अगर आपके शरीर में भोजन अच्छे से नही पच पाता तो वह टॉक्सिंस बनाना शुरू कर देता है जिसकी वजह वजह से व्यक्ति के शरीर में भिन्न-भिन्न लक्षण दिख सकते हैं|

एलर्जी के आयुर्वेदिक उपचार अगर समय पर न हो तो आपको अनेक हानिकारक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है| दिनचर्या में परिवर्तन और आयुर्वेदिक वैद्य की सलाह के अनुसार दवाइयों का सेवन करने से एलर्जी की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है|

वर्तमान समय में त्वचा, नाक और पराग एलर्जी सबसे आम समस्याओं के रूप में सामने आ रही हैं और भारत की आबादी के एक बड़े हिस्से को प्रभावित कर रही हैं। ऐसे व्यक्तियों की मदद करने के लिए लोकप्रिय आयुर्वेद चिकित्सालय लाइफ अवेदा ने 100 % प्राकृतिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से एलर जीआई कैप्सूल आयुर्वेदिक औषधि तैयार की है|

इसका नियमित उपयोग एंटी-एलर्जी और एंटी-इंफ्लेमेटरी हर्बल के रूप में काम करता है। ये सर्वोत्तम और मानकीकृत गुणवत्ता वाले हर्बल अर्क से बनाई गई है जो एलर्जी प्रतिक्रियाओं की तीव्रता और आवृत्ति को कम करने में मदद करता है।

एलर्जी के प्रकार, लक्षण, कारण, परीक्षण और इससे बचाव कैसे करें

“एलर जीआई” (ALLER GI – एक प्राकृतिक औषधि है और इसे आयुर्वेद में इसको सबसे अच्छी एलर्जी दवा माना जाता है। इस हर्बल उपचार को तैयार करने में उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियाँ अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एलर्जी गुणों के कारण  विश्व प्रसिद्ध हैं।

एलर जीआई कैप्सूल में हरिद्रा (करकुमा लोंगा), नीम (अज़ादिराच्टा इंडिका), शिरीष (अल्बिज़िया लेबेक), और अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा) जैसी महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों के मानकीकृत अर्क का उपयोग किया गया है। ये सभी जड़ी-बूटियां रोगी को कोई साइड इफेक्ट दिखाए बिना एक साथ काम करती हैं।

हरिद्रा (करकुमा लोंगा) : Haldi

हरिद्रा को आमतौर पर आम भाषा में हल्दी कहा जाता है। यह हर तरह की एलर्जी को दूर करने में बहुत मददगार मानी जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी एंटी-कैंसर, एंटीडायबिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एलर्जी गुणों से भरपूर होती है। यह रोगी को एनाल्जेसिक प्रभाव भी प्रदान करती है जिससे सूजन और दर्द से राहत मिलती है

नीम (अज़ादिराच्टा इंडिका) : Neem

नीम एक स्वास्थ्य-लाभकारी जड़ी बूटी भी है, इसमें भरपूर कीटाणुनाशक और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। नीम का इस्तेमाल प्राचीन काल से त्वचा की एलर्जी, त्वचा के संक्रमण, रक्त विकार आदि से छुटकारा पाने के लिए किया जाता रहा है। एलर जीआई कैप्सूल में मौजूद नीम का अर्क आपके रक्त को शुद्ध करने के साथ-साथ किसी भी तरह की एलर्जी का उपचार में मददगार साबित होता है|

नीम-अज़ादिराच्टा-इंडिका अश्वगंधा-विथानिया-सोम्निफेरा शिरीष (अल्बिज़िया लेबेक) एलर्जी की आयुर्वेदिक उपचार  के दवा Life Aveda
शिरीष (अल्बिज़िया लेबेक) : Shirish
शिरीष (अल्बिज़िया लेबेक) एलर्जी की आयुर्वेदिक उपचार  के दवा Life Aveda

शिरीष जड़ी बूटी का मानकीकृत अर्क आपके शरीर में एकत्रित मेटाबोलाइट्स और हानिकारक बैक्टीरिया को दूर करने में काफी फायदेमंद साबित होता है। आयुर्वेद के अनुसार ये जहरीले पदार्थ कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा चयापचय के मध्यवर्ती मेटाबोलाइट को जमा कर देते हैं। इनका शरीर में जमा होना विभिन्न स्वास्थ्य विकारों को आमंत्रित कर सकता है।

एलर जीआई कैप्सूल के अंदर मौजूद यह प्राकृतिक जड़ी बूटी अतिरिक्त अमा से छुटकारा पाने और आपकी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने में आपकी सहायता करती है।

अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा) : Ashwagandha
  • अगर अश्वगंधा की बात करें तो यह कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा में सुधार करके एलर्जीय राइनाइटिस के खिलाफ शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ा देता है|
अश्वगंधा-विथानिया-सोम्निफेरा शिरीष (अल्बिज़िया लेबेक) एलर्जी की आयुर्वेदिक उपचार  के दवा Life Aveda

एलर जीआई ( ALLER GI) की मुख्य सामग्री:

* नीम – 150 मिलीग्राम
* हरिद्रा – 125 मिलीग्राम
* शिरीष – 125 मिलीग्राम
* अश्वगंधा – 100 मिलीग्राम

एलर्जी कैप्सूल के उपयोग करने की विधि: एलर्जी के आयुर्वेदिक उपचार

खुराक: 1-2 कैप्सूल दिन में दो बार भोजन के बाद सादे पानी के साथ या चिकित्सक के बताए अनुसार सेवन करें।

आयुर्वेदिक दवा कितनी लाभदायक है? : Benefits of Allergy Ayurvedic Medicine in Hindi

* त्वचा की एलर्जी, चकत्ते और पित्ती का उपचार करने में मददगार
* श्वसन तंत्र प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने में कारगर
* पेड़-पौधे और फूलों की एलर्जी को जड़ से खत्म कर देती है
* सुबह-सुबह छींकने और नाक बहने की समस्या को जल्दी दूर करने वाली औषधि
* रोगी के शरीर की सूजन और दर्द को कम कर देती है|
* हाई फीवर का इलाज प्राकृतिक तरीके से करती है|
* शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाती है जिसको एलर्जी का अहम कारण माना जाता है|

Aller GI Capsules

लाइफ अवेदा की निर्माण इकाई में तैयार किए गए एलर-जीआई कैप्सूल में अश्वगंधा (विथानिया सोम्निफेरा), शिरीष (अल्बिजिया लेबेक), हरिद्रा (कर्कुमा लोंगा) और नीम (अजादिराच्टा इंडिका) के उच्च गुणवत्ता वाले अर्क हैं।

ये सभी जड़ी-बूटियाँ विभिन्न प्रकार की एलर्जी का इलाज करने के लिए सहक्रियात्मक तरीके से काम करती हैं, और इसको लेने से कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है। ।

एलर्जी को दूर करने के लिए ऐसी रखें दिनचर्या:

अगर आप चाहते हैं कि आयुर्वेदिक औषधि अच्छे से कम करे और आपको जल्दी फायदा मिले तो इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करना होगा| आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस समस्या को तभी दूर किया जासकता है जब उचित दिनचर्या का पालन और उचित आहार का सेवन किया जाए| ऐसा करने से आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ जाएगी जिसके बाद एलर्जी जैसी अनेक गम्भीर बीमारियों को खत्म किया जा सकता है| ध्यान रहे उचित खान-पान से लेकर, शारीरिक व्यायाम, योग और प्राणायाम को भी जीवनशैली में आवश्यक स्थान देना होगा|

इन बातों का रखें खास ध्यान:

1. हमेशा संतुलित आहार सेवन करने की कोशिश करें|
2. धूम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों के सेवन से बचें, इनका उपयोग आपको नाक की एलर्जी का शिकार बना सकता है, इसके अलावा ये सब शरीर की  रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देते हैं|
3. सूर्योदय से पहले उठकर नियमित रूप से शारीरिक कसरत करें|
4. इस बात का हमेशा ध्यान रखें की आपकी दिनचर्या में वातावरण ठंडा और गर्म एक साथ कभी न हो|
5. दिन में कम से कम 7 से 8 लीटर पानी अवश्य पिएं|
6. अच्छी नींद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होती है|