सर्दियों का मौसम शुरू होते ही काफी ज्यादा लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहने लगते हैं| इन दिनों में तापमान कम होने से शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं जिससे खून का प्रवाह अच्छे से नही हो पाता हैं, इस स्थिति में व्यक्ति के जोड़ अकड़ने लगते हैं और उनमें रोजाना दर्द रहना शुरू हो जाता है| यह दर्द धीरे-धीरे इतना बढ़ जाता है कि चलने फिरने में भी दिक्कत आने लगती है|

सर्दियों में शरीर के अंदर विटामिन डी कम हो जाने के कारण भी हड्डियों का लचीलापन खत्म होने लगता है| अनुचित खान-पान हो जाने से यह समस्या आज-कल युवावस्था में ही अपना असर दिखाना शुरू कर देती है| अगर समय रहते अपनी दिनचर्या के साथ-साथ खान-पान में परिवर्तन कर लिया जाए और इसके कारणों को अच्छे से जान लिया जाए तो जोड़ों की इस गम्भीर समस्या से बचा जा सकता है|

जोड़ों का दर्द कैसा होता है?बता दें कि सर्दियों में शरीर के अंदर खून का गर्म रहना बहुत जरूरी है, अगर ऐसा नही होता तो इसकी कमी हो जाने के कारण जोड़ों में दर्द रहने लगता है| पहले यह 40 से 50 साल के लोगों को परेशान करती थी, परन्तु वर्तमान समय में 20 साल के बाद ही इसका प्रभाव दिखने लगता है|

जब भी व्यक्ति कोई लापरवाही करने लगता है जैसे ज्यादा वजन वाली वस्तु उठा ली, जरूरत से ज्यादा शारीरिक परिश्रम कर लिया, ज्यादा ठंड के प्रभाव में आ गए या फिर शारीरिक गतिविधि करनी कम कर दी तो वह जोड़ों की बीमारी से ग्रसित हो जाता है| आज के समय में पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं इस समस्या से ज्यादा प्रभावित होने लगी हैं|

जोड़ों का दर्द के समय दिखने वाले कुछ लक्षण

समय रहते अगर जोड़ दर्द के लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इस असहनीय बीमारी को दूर किया जा सकता है| यहाँ हम आपको इस समस्या के दौरान होने वाले कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं|

  • जब भी व्यक्ति पालथी मार के बैठने की कोशिश करता है तो उसके घुटनों में हल्का- हल्का दर्द होना शुरू हो जाता है|
  • पूरा शरीर अकड़ा हुआ और सुस्त पड़ने लग जाता है|
  • शरीर के हिसाब से वजन अधिक हो जाने से भी जोड़ों का दर्द बढ़ने लगता है|
  • व्यक्ति को उठने, बैठने, चलने, फिरने और कुछ देर खड़े होने में भी परेशानी होने लगती है|
  • शरीर के जोड़ों में सूजन और घुटनों से हर बार कटक-कटक की आवाज आने लगती है|
  • सर्दियों में सुबह उठते ही शरीर के जोड़ अकड़े हुए महसूस होते हैं|
  • शरीर के अलग-अलग भाग सुन रहने लगते हैं|
  • कई लोगों को चलते समय भी जोड़ों में काफी ज्यादा दर्द रहने लगता है|

का दर्द के सामान्य कारण

  • जब भी व्यक्ति के शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो जाती है तो उसको जोड़ों का दर्द परेशान करने लगता है। अगर आपको पता हो कैल्शियम की ज्यादा कमी हो जाने के कारण ओस्टियो पोरोसिस बीमारी हो सकती है जिसको हड्डियों का ‘मूक रोग’ भी कहा जाता है| इसलिए समय रहते इस समस्या को सही आयुर्वेदिक उपचार के साथ दूर करने की कोशिश करनी चाहिए|
  • अक्सर देखा गया है कि जो लोग जिम में काफी ज्यादा वर्कआउट करते हैं, वह प्रोटीन प्रोडक्ट्स का उपयोग बहुत ज्यादा करने लग जाते हैं| आयुर्वेदिक चिकित्सा के मुताबिक इनका अधिक सेवन जोड़ों के दर्द को बढ़ा सकता है और एक गंभीर बीमारी को आमंत्रित कर सकता है|
  • आज के समय में काफी लोग सिटींग जॉब करना पसंद करते हैं जिसकी वजह से उचित शारीरिक गतिविधि नही हो पाती और बैठे-बैठे उनके घुटनों में हमेशा दर्द रहने लगता है| अगर समय रहते इस परेशानी को दूर कर लिया जाए तो जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है|
  • उम्र बढ़ने पर लोगों की हड्डियाँ कमजोर जो जाती है जिसके बाद जोड़ों का दर्द असहनीय हो जाता है| सर्दियों के मौसम में यह बर्दास्त नही हो पाता और लोग दर्द कम करने वाली दवाईयों का सेवन करना शुरू कर देते हैं जिनका अत्यधिक सेवन हानिकारक साबित हो सकता है|

ध्यान देने योग्य बातें

निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखकर आप जोड़ों की इस पीड़ादायक समस्या से बच सकते हैं|

  • अगर आप जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो योग और व्यायाम हमेशा वैद्य की सलग के अनुसार ही करें।
  • सर्दियों में रोजाना सूर्य से विटामिन डी प्राप्त करने की कोशिश करें, इसके द्वारा शरीर में रक्त का संचार संतुलित बना रहता है|
  • सूर्योदय से पहले उठकर हमेशा 3 से 4 किलोमीटर घुमने के लिए जाएँ|
  • आयुर्वेद चिकित्सा कहती है कि जोड़ों के दर्द से पीड़ित इंसान को रोजाना शारीरिक कसरत आवश्य करनी है|
  • जंक फ़ूड से दूरी बनाएं और रेशेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करें, इससे हड्डियाँ में कैल्शियम की कमी दूर हो जाती है|
  • आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सर्दियों में धूप का सेवन आपके शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ा देता है, जिससे जोड़ों में होने वाला दर्द और सूजन खत्म हो जाता है|
  • जोड़ों का दर्द विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से होता है, इसलिए आयुर्वेदिक उपचार के साथ उचित खान-पान का भी ध्यान रखना चाहिये|
  • अगर आप सिटींग जॉब कर रहे हैं तो लगातार बैठे न रहें और थोड़ी-थोड़ी देर में घूमने की कोशिश करें|
  • धूम्रपान, शराब और नशीले पेय पदार्थों के सेवन से बचें|

जोड़ों का दर्द दूर करने के लाभकारी घरेलू उपाय

  • सेंधा नमक और गर्म पानी का उपयोगी – सुबह अगर नहाते समय गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर जोड़ों की सिकाई की जाए तो काफी आराम मिलता है| इसके अलावा रात को सोने से पहले 10 से 15 मिनट पैरों को इसी गर्म पानी में डालकर रखने से भी फायदा पहुँचता है|
  • सरसों का तेल असरदार – आयुर्वेद में इस तेल को जोड़ों का दर्द दूर करने की महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है| अगर   रात को इस तेल में 2 से 3 लहुसन की कलियाँ डालकर उसको गर्म करके दर्द वाली जगह पर लगाया जाए तो जोड़ों के दर्द की समस्या को कम समय में दूर किया जा सकता है| यह प्रयोग सर्दियों में खून को जमने नही देता और उसका संचार संतुलित बनाए रखता है|
  • अदरक का प्रयोग उत्तम उपाय – बता दें कि इस प्राकृतिक जड़ी- बूटी के अंदर एंटी इन्फ्लेमेंटरी गुण की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है। अगर सब्जी में रोजाना अदरक का प्रयोग करके सेवन किया जाए तो जोड़ दर्द, सूजन और शरीर की अकड़न को दूर करने में सहायता मिलती है|

जोड़ों का दर्द से पेरशान लोग अक़्सर जोड़ों आयुर्वेदिक दवाईंओं का सेवन करना शरू कर देते है जिसकी वजह से इसके और भी बुरे परिमाण देखने को मिलते है । किसी की तरह की दवाई का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर ले।

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