केरल में बच्चों के लिए खतरा बना टोमैटो फीवर

वर्तमान समय में सबसे बुरी और डरा देने वाली खबर भारत के केरल राज्य से सुनने को मिल रही है| वहां पर 85 से ज्यादा लोग एक अजीब संक्रमण टोमैटो फीवर का शिकार हो गए हैं| वहां का स्वास्थ्य विभाग बारीकी से इस पूरे मामले की जांच में जुट गया है| टोमैटो फीवर के बारे में बात करें तो यह इंफेक्शन 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा अपनी गिरफ्त में ले रहा हैं|

जब से इस फ्लू के मामलों की संख्या 80 के पार हुई है तभी से केरल के पूरे स्वास्थ्य विभाग को खतरे की सूचना दे दी गई है| इस संक्रमण को रोकने के लिए वहां की सरकार ने विभाग को कठोर दिशा निर्देश दे दिए हैं| आज इस लेख में हम टोमैटो फीवर क्या है, इसके लक्षण, होने की वजह और बचाव के बारे में अति महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने वाले हैं|

टोमैटो फीवर कैसा संक्रमण है?

डब्ल्यूएचओ और केरला के स्वास्थ्य विभाग को भी टोमैटो फीवर के बारे में कुछ ख़ास पता नही चल पाया है| आधुनिक चिकित्सा विषेशज्ञों का ये भी मानना है इस बारे में अभी कुछ भी कहना मुश्किल है कि यह बीमारी चिकनगुनिया के प्रभाव से होती है, डेंगू का संक्रमण इसका कारण बन रहा है या फिर कोई अन्य गम्भीर बीमारी इसकी मुख्य वजह बन रही है|

अगर आपको पता हो इसका असर भी इंसान के उपर अन्य वायरस की तरह हो रहा है| इस समय में जो बात सबसे ज्यादा डरा रही है वो ये कि इसका प्रभाव 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहा है जो अच्छी खबर नही है|

टोमैटो फ्लू का सबसे ज्यादा असर गांवों में देखने को मिल रहा है, इसलिए सरकार द्वारा यहाँ पर लोगों को जागरूकता करने का काम किया जा रहा है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस संक्रमण को टोमैटो फीवर इसलिए कहते हैं क्योंकि रोगी के शरीर की त्वचा पर टमाटर जैसे मोटे लाल निशान हो जाते हैं|

टोमैटो फीवर के लक्षण:

निम्नलिखित मुख्य लक्षणों से आप इस बीमारी को पहचान सकते हैं

  • व्यक्ति हमेशा थका-थका रहता है
  • रोगी के शरीर में हर समय हल्का-हल्का दर्द बना रहता है
  • व्यक्ति को उल्टी के साथ दस्त लगना भी इसके मुख्य लक्षण हैं
  • पुरे शरीर की त्वचा पर लाल रंग के मोटे निशान होने लगते हैं|
  • रोगी की बाहरी त्वचा पर में जलन और खुजली रहने लगती है
  • टोमैटो फीवर ग्रसित बच्चे को बार-बार तेज बुखार होता रहता है
  • व्यक्ति के हाथ, पैर और घुटनों का रंग भी लाल होने लगता है
  • इन सभी के अलावा खांसी, जुखाम तो इसके अहम लक्षण माने गए हैं|

हाल ही में केरला के स्वास्थ्य विभाग मंत्री सुधाकर ने लोगों को सचेत करते हुए कहा है कि इस बीमारी के लक्षण कुछ हद तक कोरोना लक्षणों जैसे ही हैं, परन्तु ये दोनों रोग अलग-अलग हैं| अगर आपको पता हो कोविड जैसे लक्ष्ण कई बिमारियों के भी देखे गए हैं| स्वास्थ्य मंत्री ने आगे अपने सम्बोधन में कहा कि हमने केरला की सभी स्वास्थ्य एजेंसियों इस समस्या के बारे में अलर्ट कर दिया है| इसलिए टोमैटो फीवर नाम के संक्रमण से आपको ज्यादा डरने की जरूरत नही है, इस कठिन परिस्थिति में घर पर साफ़ और स्वच्छ रह कर ही अपने बच्चों का ध्यान रखें|

कैसे होता है टोमैटो फीवर?

मुख्य रूप से इस बीमारी के बारे में अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नही हो पाई है| परन्तु आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इस संक्रमण को डेंगू फ्लू और चिकनगुनिया आदि बीमारियों के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली समस्या के रूप में देखा जा रहा है| इस बीमारी में टमाटर के समान आकार में बाहरी त्वचा पर लाल निशान हो रहे हैं, जिसे बच्चों के लिए काफी खतरनाक बताया जा रहा है|

टोमैटो फीवर का सबसे ज्यादा कहर:

मीडिया की आधुनिक रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि केरल राज्य के अकेले कोल्लम जिले के अंदर 85 से भी ज्यादा बच्चों में इस बीमारी का संक्रमण देखने को मिला है| इसके अलावा  नेंदूवाथुर, अर्यानकावु और आंचल जैसी जगहों से भी कई रोगियों की पुष्टि की गई है|

इन सभी जिलों में टोमैटो फीवर का प्रकोप बढ़ जाने से इनके आस पास के इलाके जैसे मैसूर, कोडागु, उडुपी, चामराजनगर और मंगलुरु में भी चेतावनी दे दी गई है| जो लोग बाहर से राज्य में प्रवेश कर रहे हैं उनकी अच्छे से जाँच की जा रही है|

केरल के इन पड़ोसी राज्यों में भी हाई अलर्ट:

जब से केरला के अंदर इतनी ज्यादा मात्रा में बच्चे टोमैटो फीवर संक्रमित हुए हैं इससे वहां का स्वास्थ्य विभाग आने वाले समय को लेकर काफी ज्यादा सतर्क हो गया है। इसके साथ-साथ उसके पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक में भी लोगों को सतर्क कर दिया गया है|

केरला में इस सक्रमण के कहर को देखने के बाद दोनों राज्यों ने अपने स्वास्थ्य विभागों को अलर्ट कर दिया है| यही वजह है कि वहां पर टोमैटो फ्लू के संक्रमण को बढने से रोकने के लिए अभी से महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं| हाल ही में कर्नाटक स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आपको डरने की जरूरत नही है, क्योंकि वहां से आने वाले लोगों की जाँच की जा रही है ताकि इस संक्रमण के प्रभाव को रोका जा सके|

टोमैटो फीवर के बचाव:

  • अगर आपके घर के आस-पास कोई बच्चा इस बीमारी से संक्रमित है तो अपने बच्चों को उसके संम्पर्क में न आने दें|
  • वर्तमान समय की स्थिति को देखते हुए अपने बच्चों को घर पर ही साफ़ सुथरा रखें|  
  • रोगी को किसी भी प्रकार की दवाई देने से पहले वैद्य से सलाह अवश्य कर लें|
  • घर के कमरों का तापमान हमेशा कम ही रहने दें क्योंकि इससे शरीर पर हुए लाल चकत्ते और जलन नही होती|
  • शरीर के किसी भी हिस्से पर हर छालों के ऊपर खारिश न होने दें|
  • अपने बच्चों को जंक फ़ूड और तले हुए भोजन के सेवन से बचा कर रखें और उसको हरी सब्जी और ताजे फलों का सेवन कराएं|
  • अगर आपका बच्चा इस बीमारी से संक्रमित है तो उसको एक हफ्ते घर पर ह रखकर आराम करवाएं|
  • बच्चे में टोमैटो फीवर से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का लक्षण महसूस होते ही तुरंत डॉक्टर्स से परामर्श करें|  
  • 5 साल से कम उम्र के बच्चों को अधिक मात्रा में पानी और उचित पदार्थों का सेवन करवाएं|

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