जब से लोगों को कोरोना के नए अवतार ओमिक्रॉन के बारे में पता चलता है, उसके बाद से ही वह काफी चिंतित और घबराहट महसूस कर रहे हैं| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस वेरिएंट को डेल्टा प्लस से भी जानलेवा  बताया है| ओमिक्रॉन ने कुछ दिनों में दुनिया के 35 से ज्यादा देशों में दहशत का माहोल पैदा कर दिया है| इस वायरस का पहला केस दक्षिण अफ्रीका से 24 नवंबर को प्राप्त हुआ था| इस नए वेरिएंट ने भारत में भी अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है| अभी तक की बात करें तो 25 से ज्यादा लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं| कोरोना की दूसरी लहर डेल्टा प्लस ने लोगों के लंग्स को निशाना बनाया था जिसके बाद उनको साँस लेने काफी परेशानी होने लगी थी, लेकिन ओमिक्रॉन की बात करें तो यह सीधा लंग्स को अपना काम करने में असमर्थ कर देता है, यही वजह है जिसके कारण लोग इतने डरे हुए हैं|

ओमिक्रॉन को ध्यान में रखते हुए कुछ समय पहले भारत में नए कानून बनाए गए हैं| जो लोग विदेश से आ रहे हैं, उनका के अंदर ही कोरोना और स्क्रीनिंग टेस्ट हो रहा है| इसके अलावा जो लोग भारत के अन्य किसी राज्य से दूसरे राज्य में जा रहे हैं उनको क्वारंटीन करने को कहा गया है| बता दें कि डेल्टा प्लस ने मई और जून में भारत के लाखों लोगों को अपना शिकार बना लिया था| कुछ महीनों बाद हालात ठीक हो जाने पर सरकार ने कठोर कानून हटा दिए थे, जिनको अब दोबारा से लगाया जा सकता है| केंद्र सरकार ने पूरे देशवासियों को ओमिक्रॉन से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है| जो लोग अधिक प्रभावित ओमिक्रॉन क्षेत्र से आएंगे, उनको साथ के साथ क्वारंटीन कर दिया जाएगा| भारत में इस वायरस का पहला मामला पिछले हफ्ते वीरवार को कर्नाटक मिला था| जब से खबर आई है कि यह वायरस वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है तभी से आम आदमी काफी सहमा और डरा हुआ महसूस कर रहा है|

ओमिक्रॉन के लक्षण:

अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि (WHO) ने वेरिएंट ओमिक्रॉन के सामान्य लक्षण की कोई भी जानकारी लोगों को नही दी है, लेकिन अभी तक जितनी भी रिपोर्ट मिल रही हैं, उनके हिसाब से इसके लक्षण डेल्टा प्लस से अलग हो सकते हैं| निम्नलिखित लक्षणों को पहचान कर आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से इस खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है|
* सारे शरीर के जोड़ दर्द करने लग जाते हैं जिसके बाद खुजली भी होने लगती है|
* आपस में बात करते समय साँस फूलने लगते हैं|
* पहले कोरोना का शिकार हो चुके इंसान को साँस लेने में काफी ज्यादा तकलीफ हो सकती है|
* जब लंग्स ज्यादा खराब हो जाते हैं तो रोगी बोल भी नही पाता|
* हमेशा छाती में दर्द रहता है|
* व्यक्ति की आँखें लाल और उनमें बहुत ज्यादा खुजली होने लगती है|
* समय पर भोजन करने के बाद भी कमजोरी लगी रहती है|
* ओमिक्रॉन रोगी थका-थका रहने लग जाता है|
* बार-बार बुखार होना इस रोग का सबसे मुख्य लक्षण है|
* इन सभी के अलावा सर्दी, जुकाम, खांसी और गला खराब होना भी इसके अहम लक्षण हैं|

ओमिक्रॉन का आयुर्वेदिक इलाज:

भारत के आयुर्वेदिक स्वास्थ्य संगठन आयुष मंत्रालय ने जून-जुलाई में लोगों को गिलोय, यष्टिमधु, गुडुची, अश्वगंधा और पिप्पली जैसी अति उत्तम औषधियों का सेवन करने के बारे में कहा था| इनका उचित उपयोग लंग्स को हानिकारक रोगों से सुरक्षित बनाए रखता है| विशेषज्ञों की मानें तो इन प्राकृतिक जड़ी-बूटियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुण काफी ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं|

अब हम आपको लाइफ अवेदा के आयुर्वेदिक औषधियों के कॉम्बो के बारे में बताने जा रहे हैं, यह आयुर्वेदिक मेडिसिन काफी लाभदायक है और कोविद (ओमिक्रॉन )जैसी महामारी को काफी हद तक मददगार है।

व्हीटग्रास कैप्सूल– यह 100 % प्राकृतिक प्रोटीन, विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर हैं। यह 17 अमीनो एसिड के साथ प्रोटीन से भरपूर होता है – जो प्रोटीन बनाने में मदद करता है। व्हीटग्रास सभी हानिकारक पदार्थों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाता है और मेटाबॉलिज्म को संतुलित बनाए रखता है। यह स्वस्थ पाचन में सहायता करता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और रक्तचाप को कम करता है और शरीर में इंसुलिन के स्तर को भी नियंत्रित करता है।

उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हुए रोगाणुओं को नष्ट करता है और आंतों के विकारों को ठीक करता है।
प्रतिरक्षा को बढ़ाता है और शरीर को हानिकारक विकिरण से बचाता है। विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सीडेंट, एंजाइम और फाइटोन्यूट्रिएंट्स जैसे लाभकारी गुणों से भरपूर है। यकृत के अलावा शरीर के रक्त को डिटॉक्सीफाई करता है और विषाक्त पदार्थों को खत्म करता है। भूख को नियंत्रित कर वजन को कम करने में सहायता प्रदान करता है|

गिलोय कैप्सूल- इस औषधि में एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटिक जैसे गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न बीमारियों से बचाकर आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। लाइफ अवेदा के प्रीमियम गिलोय कैप्सूल का उपयोग रक्त से हानिकारक बैक्टीरिया को हटाकर पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को ऊपर उठाने में आपकी सहायता करेगा।

गिलोय एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो मुक्त कणों से लड़ने के लिए पाचन तंत्र को डिटॉक्सीफाई और फिर से जीवंत करती है और बीमारी को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाती है। गिलोय मानव शरीर में प्रवेश करने वाली बीमारियों से सुरक्षा कवच का काम करता है।

अमलकी कैप्सूलइसका नियमित सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखने का काम करता और शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटा देता है। आंवला विटामिन सी का एक प्राकृतिक स्रोत है जो एंटी-एजिंग का समर्थन करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट का एक प्रचुर स्रोत है जो हानिकारक कणों को कम करने में मदद करता है और शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है।

Premium Immunity Enhancer कैप्सूल यह तुलसी, गिलोय, दालचीनी, अश्वगंधा, सोंठ, हल्दी और आंवला जैसी कई जड़ी बूटियों का शक्तिशाली मिश्रण है। यह संपूर्ण संयोजन आयुर्वेद में अपनी स्थापना के समय से ही बहुत लोकप्रिय और प्रभावी है – प्रतिरक्षा बढ़ाने और रोगों से लड़ने के लिए। इसके अलावा, यह स्वस्थ फेफड़ों का भी समर्थन करता है और श्वसन पथ को मजबूत करता है। यह स्वस्थ स्वास्थ्य और मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए पूरे शरीर का समर्थन प्रदान करने के लिए सही क्रियात्मक रूप से काम करती हैं।

इस लाभकारी औषधियों के  कॉम्बो का इस्तेमाल करने से पहले लाइफ अवेदा के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह करना न भूलें|

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प्राकृतिक घरेलू उपचार

तुलसी, ‘द क्वीन ऑफ हर्ब्स’, तनाव, चिंता, सिर दर्द से राहत, मजबूत प्रतिरक्षा और सहनशक्ति को प्रोत्साहित करती है।

दालचीनी स्वस्थ इंसुलिन स्तर का समर्थन करती है। यह आपके शरीर की संक्रमण से लड़ने में मदद करने के अलावा क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत भी करती है। एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण, अश्वगंधा कोशिका-मध्यस्थ प्रतिरक्षा में सुधार करके रोग के खिलाफ शरीर की रक्षा में सुधार करता है।

सौंठ में अपक्षयी विकारों, पाचन स्वास्थ्य, हृदय संबंधी विकार, उल्टी और मधुमेह सहित कई बीमारियों के इलाज की जबरदस्त क्षमता होती है। इसमें उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेटिव गुण भी होते हैं। इसमें रोगाणुरोधी क्षमता भी होती है जो संक्रामक रोगों के इलाज में मदद कर सकती है।

आंवला विटामिन सी का एक प्राकृतिक स्रोत है जो एंटी-एजिंग का समर्थन करता है| इसमें एंटीऑक्सिडेंट भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने में मदद करता है।

हल्दी आपके शरीर में डिटॉक्सीफाई रक्त, यकृत कार्यों, जोड़ों की सूजन और दर्द को दूर करने जैसे काम करती नज़र आती है| इसका उचित सेवन चमकदार त्वचा, स्वस्थ पाचन क्रिया को बनाए रखने का कार्य करने में अहम भूमिका निभाता है|

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