आज के समय में लोगों का खान-पान और दिनचर्या कुछ ऐसी हो गई है कि निम्न रक्तचाप यानि लो ब्लड प्रेशर की बीमारी आम हो गई है। वर्तमान समय में उच्च रक्तचाप के रोगी बहुत ज्यादा हैं, यही वजह है कि लो ब्लड प्रेशर ग्रसित व्यक्ति इस समस्या को गम्भीर रूप से नही लेते हैं| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शरीर का ब्लड प्रेशर उच्च 120 और निम्न 80 तक संतुलित माना जाता है परन्तु अगर इसका स्तर 80/60 तक हो जाए तो आप लो ब्लडप्रेशर का शिकार हैं| आज इस आर्टिकल में हम आपको इस बीमारी के लक्ष्ण, कारण और कुछ महत्वपूर्ण घरेलू उपायों की जानकारी देने वाले हैं|
निम्न रक्तचाप परिचय लो ब्लड प्रेशर:
आधुनिक भाषा में लो ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को हाइपोटेंशन (Hypertension) के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार निम्न उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्थिति को कहा जाता है जिसमें व्यक्ति के शरीर के अंदर रक्त का संचार अच्छे से नही हो पाता और उसका ब्लड प्रेशर 120/80 से कम होना शुरू हो जाता है| लो ब्लड प्रेशर के दौरान व्यक्ति के हाथ और पैर ठंडे पड़ने लगते हैं, चक्कर आने शुरू हो जाते हैं, आंखों के सामने अंधेरा सा छा जाता है, खड़े होने और बैठने पर बेहोशी होने लगती है| वात, पित और कफ दोष के असंतुलित होने से लो ब्लड प्रेशर होने का खतरा बना रहता है, इस समस्या को नज़रंदाज़ करना आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है|
निम्न रक्तचाप/ लो ब्लड प्रेशर के सामान्य लक्ष्ण:
* हमेशा सिरदर्द रहना– अगर आपको हमेशा हल्का-हल्का सिरदर्द रहता है तो तुरंत किसी वैद्य से सलाह लेकर इसका उपचार लेना शुरू कर दें|
* चक्कर आना– यह निम्न रक्तचाप का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्ण है|
* डिप्रेशन में रहना– अक्सर देखा जाता है कि लो ब्लड प्रेशर से ग्रसित इन्सान हमेशा किसी सोच और चिंता में रहता है|
* सीने में दर्द रहना– ब्लड प्रेशर कम हो जाने पर हमेशा सीने में दर्द रहने लगता है|
* हाथ, पैर ठंडे हो जाना– जब भी अचानक से किसी का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है तो उसके हाथ और पैर ठंडे होने शुरू हो जाते हैं|
* थका-थका रहना– निम्न रक्तचाप से परेशान व्यक्ति हमेशा थका-थका महसूस करता है|
* आँखों के आगे अँधेरा छा जाना– जब आपका ब्लड प्रेशर एकदम से कम होगा तो आँखों से धुंधला दिखना शुरू हो जाएगा, इस लक्ष्ण को कभी नज़रंदाज़ न करें|
निम्न रक्तचाप /लो ब्लड प्रेशर होने के मुख्य कारण:
आधुनिक चिकित्सा पद्धति कहती है कि इंसान में लो ब्लड प्रेशर होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं| परन्तु हम आपको कुछ सामान्य कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकारी प्राप्त करके आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं|
* अत्यधिक दवाइयों का सेवन– लोग अपनी यौवन शक्ति को बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार की दवाइयों का सेवन करते हैं, इसके अलावा हार्ट की समस्या, डिप्रेशन और ब्लड प्रेशर की अत्याधिक दवाईयों का सेवन भी लो ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण है|
* गर्भावस्था– अक्सर देखा गया है कि गर्भवती महिला लो ब्लड प्रेशर का शिकार हो जाती है|
* त्वचा की चोट से खून ज्यादा आना– अगर कभी आपकी त्वचा पर चोट लगे और खून बंद ही न हो तो इस चीज को नज़रंदाज़ करना जानलेवा हो सकता है|
* पानी का कम मात्रा में सेवन– शरीर के अंदर पानी की कमी हो जाने से आप अनेक बिमारियों से ग्रसित हो सकते हैं, लो ब्लड प्रेशर भी उन्ही में से एक है|
* हृदय संबंधित समस्या– अगर किसी को हृदय से सम्बन्धित कोई भी समस्या है तो उसको लो ब्लड प्रेशर होने का खतरा बना रहता है|
निम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) के कारण होने वाली समस्याएँ:
आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार अगर लो ब्लड प्रेशर का उपचार समय रहते न किया जाए तो यह अनेक जानलेवा बिमारियों का रूप ले सकता है| इसके कारण आपको निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है|
* श्वसन नली में परेशानी होना– जब भी किसी का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है तो उसको साँस लेने में दिक्कत होनी शुरू हो जाती है|
* स्टिल बर्थ हो जाना– अगर गर्भावस्था में लो ब्लड प्रेशर का उपचार न किया जाए तो स्टिल बर्थ यानि कोख में बच्चा मरने का खतरा रहता है।
* किडनी की बीमारियाँ– आयुर्वेद विशेषज्ञ कहते हैं कि लो ब्लड प्रेशर से किडनियां भी कई बिमारियों से प्रभावित हो सकती हैं|
* हृदय रोग– शरीर के अंदर रक्त संचार का कम होना हृदय की अनेक बिमारियों जैसे दिल का दौरा, हार्ट अटैक, हार्ट ब्लोकेज को आमंत्रित कर लेता है|
* आखों की रोशनी कम होना– लो ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे आँखों की रोशनी को खत्म कर देता है|
निम्न रक्तचाप को दूर करने के कुछ आयुर्वेदिक घरेलू उपचार-
लो ब्लड प्रेशर से ग्रसित इन्सान को अपने खान-पान पर भी मुख्य रूप से ध्यान देना चाहिये| यहाँ पर हम आपको कुछ ऐसे ही आहार और घरेलू उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सेवन और प्रयोग आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है|
* पानी का सेवन लाभकारी– अगर आप लो ब्लड प्रेशर से बहुत ज्यादा परेशान हैं तो दिन में कम से कम 6 से 7 लीटर पानी का सेवन अवश्य करें| यह प्रयोग आपके शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया को मूत्र मार्ग के रास्ते बाहर निकाल देता है|
* नमक का उचित उपोग कारगर– आयुर्वेद में अत्यधिक नमक का सेवन हानिकारक माना जाता है| परन्तु अगर आप लो ब्लड प्रेशर से ग्रसित हैं तो इसका सेवन शरीर में रक्त संचार को संतुलित बनाए रखता है|
* कार्बोहाइड्रेट का करें सेवन– अपने भोजन में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर खाद्य पदार्थों को जोड़ लें, क्योंकि यह आपके रक्त संचार को दुरुस्त बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं|
* तुलसी के पत्ते काफी उपयोगी– आयुर्वेदिक चिकित्सा में तुलसी को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है| लो ब्लड प्रेशर रोगी सुबह खाली पेट 7 से 8 तुलसी के पत्ते पानी के साथ अच्छे से धो कर चबा सकता है, इस प्रयोग का रोजाना सेवन रक्तचाप से सम्बन्धित अनेक समस्याओं को दूर कर देता है|
* दालचीनी एक उपयोगी औषधि– सुबह और शाम खाना खाने से 1 घंटा पहले एक चम्मच दालचीनी चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से लो ब्लड प्रेशर में काफी फायदा मिलता है|
* गाजर और चुकंदर का रस असरदार– लो ब्लड प्रेशर रोगी अगर एक हफ्ते तक गाजर और चुकंदर के रस का सेवन करे तो इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकता है|
इन सभी के अलावा किशमिश, आंवला, छाछ, बादाम दूध, और अदरक का वैद्य की सलाह के अनुसार सेवन करना भी लो ब्लड प्रेशर में लाभकारी माना गया है|
दिनचर्या:
दिन में तीन से चार बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं|
तनावमुक्त रहते हुए 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें|
हमेशा सूर्योदय से पहले उठें और टहलने के लिए जाएँ|
योग, आसन, सूर्यनमस्कार को जीवनशैली को जरूरी स्थान दें|
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