वर्तमान समय में अगर किसी भी व्यक्ति को आईबीएस की समस्या रहती है तो उसको सबसे पहले अपने खान-पान और दिनचर्या में परिवर्तन करने की जरूरत पड़ती है| आज हम आपको इस लेख के माध्यम से आईबीएस की समस्या में क्या खाएं, क्या नहीं और इस बीमारी में क्या परहेज रखें इन महत्वपूर्ण बातों की जानकारी देने वाले हैं|

इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम बीमारी के समय देखा गया है कि रोगी की पाचन क्रिया खराब होने लग जाती है जिसकी वजह से उसको पेट की अनेक समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है| अब हम इस बीमारी में उपयोगी डाइट चार्ट के बारे में आपको बताने जा रहे हैं|

आईबीएस में करें फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन:


आधुनिक चिकित्सा में आईबीएस से ग्रसित व्यक्ति को इस बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए अपने आहार में जल्दी घुलने वाली फाइबर वस्तुओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इनका उचित प्रकार से प्रयोग आपके शरीर की पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने के साथ-साथ पेट की अनेक समस्याओं को दूर करने का काम करता है| आईबीएस रोगी को हमेशा मौसमी फल और ताजा हरी सब्जियों का उपयोग करना ही लाभकारी रहता है|

हाय फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से हमेशा बचें

इस बारे में तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि आईबीएस में फाइबर युक्त खाद्य फायदेमंद रहते हैं परन्तु हाय फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन आपको परेशानी में भी डाल सकता है। तो इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि अपने आहार में हल्के फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, जामुन, ओट्स, गाजर, सेब और संतरा आदि को आवश्यक स्थान दें। यह आपके शरीर में जल्दी घुलकर पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखते हैं| इनके विपरीत हाय फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे नट्स, गोभी आदि का प्रयोग हानिकारक साबित हो सकता है।

ग्लूटेन युक्ति आहार से बनाए दूरी

आईबीएस रोगी को आज के समय में डॉक्टर्स ग्लूटेन युक्त भोजन से दूरी बनाए रखने के लिए कहते नज़र आते हैं| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पास्ता और ब्रेड में काफी ज्यादा मात्रा में ग्लूटेन मौजूद होता है, आधुनिक चिकित्सा में इसको एक प्रोटीन के नाम से जाना जाता है| एक बात का हमेशा ध्यान रखें जो लोग ग्लूटेन इंटोलरेंस समस्या का शिकार हैं उनके लिए ग्लूटेन युक्ति आहार जानलेवा साबित हो सकता है| ग्लूटेन इंटोलरेंस से ग्रसित व्यक्ति के अंदर जल्दी आईबीएस बीमारी के लक्षण दिख सकते हैं। इसलिए हम अंत में यही कहेंगें कि खुद को स्वस्थ और मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखने के कभी भी ग्लूटेन युक्ति आहार का सेवन न करें|

क्या नहीं खाना चाहिए और आईबीएस में परहेज

डेरी उत्पादों का सेवन करने से बचें– अगर आपको पता हो यह प्रोडक्ट्स लोगों में आईबीएस की समस्या को बढ़ावा दे सकते हैं। आवश्यक यही होगा कि आप किसी विशेषज्ञ से परामर्श करने के बाद ही इनका प्रयोग करें, यह बीमारी खराब पाचन क्रिया की वजह से होती है तो सबसे जरूरी ये होगा कि अपने पाचन तन्त्र को दुरुस्त रखा जाए|

पेट के अंदर गैस को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें– अगर आप पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं तो गैस को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से आपको बचना चाहिए| कुछ सब्जियों का उपयोग जैसे गोभी, बीन्स और ब्रोकली का अधिक सेवन गैस की समस्या को बढ़ा सकता है| इन सभी के साथ-साथ प्याज और लहसुन का अधिक उपयोग भी सेहत के लिए हानिकारक माना गया है| अगर आप चाहते हैं कि शरीर का पाचन तन्त्र स्वस्थ बना रहें तो सब्जी में अदरक का उपयोग आवश्य करें, यह प्रयोग आईबीएस रोगियों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

अधिक फैट वाली चीजों के सेवन से बचें– अगर आप आवश्यकता से ज्यादा फैट वाली चीजें खाते हैं तो इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है और आपको मल त्याग करते समय काफी मुश्किलें भी आ सकती हैं। इसलिए ज्यादा तली भुनी और फ्राई की हुई चीजों की बजाय फलों और हरी सब्जियों का सेवन करें। पाचन तंत्र रहता है खराब ? जानें कारण और समाधान।

कम मात्रा में करें कॉफी और चाय का सेवन– आयुर्वेद चिकित्सा में अल्कोहल, कॉफ़ी और चाय के अधिक सेवन हानिकारक माना गया है क्योंकि इनका उपयोग आईबीएस जैसी पेट की अनेक समस्याओं को आमंत्रित कर सकता है| अगर आप डायरिया जैसी समस्याओं से सुरक्षित बने रहना चाहते हैं तो इनके सेवन से आज ही दूरी बना लें| बता दें कि अगर ज्यादा मात्रा में अल्कोहल का सेवन किया जाए तो डिहाइड्रेशन की समस्या भी होने का खतरा बना रहता है|

आईबीएस में इन बातों का रखें खास ध्यान

* दूध के द्वारा तैयार खाद्य पदार्थ जैसे मिल्क बादाम, दही, और छाछ का उचित सेवन करें|
* वैद्य की सलाह लेकर शक्कर 1-2 चम्मच ही पूरे दिन में उपयोग करें|
* लाल मांस और प्रोटीन के अधिक सेवन से हमेशा बचें|
* भूलकर भी न करें शराब का सेवन|
* उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें|
* हमेशा खुले में बनी पकी हुई सब्जी का ही सेवन करें|
* सरसों का तेल या मूंगफली का तेल दिन में 2 से 3 चम्मच आवश्यक इस्तेमाल करें|
* फ्रिज में रखे हुए बासी खाने का सेवन करने से हमेशा बचें|
* पूरे दिन में भोजन हमेशा थोड़ा-थोड़ा करके यानि टुकड़ों में सेवन करें|
* रोजाना 7 से 8 लीटर पानी अवश्य पिएं|

आईबीएस रोगियों के लिए ऐसा होना चाहिए डाइट चार्ट

इस बात का आईबीएस रोगी को जरूर पता होना चाहिए कि दिनचर्या में परिवर्तन और उचित आहार के द्वारा ही इस बीमारी को हराया जा सकता है| ऐसा होना चाहिए आईबीएस ग्रसित व्यक्ति का डाइट चार्ट

सूर्योदय से पहले उठकर खाली पेट– सुबह खाली पेट आईबीएस रोगी को नियमित रूप से एक गिलास नींबू पानी का पानी या फिर एक गिलास हरी सब्जियों का जूस, इसके अलावा आप रोजाना एक गिलास देसी गाय का दूध भी पी सकते हैं|

सुबह का नाश्ता– इस समय पर एक छोटी कटोरी प्याज रहित पोहा सेवन करना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है|

11 से 12 बचे के बीच– इस समय पर आप कोई भी एक फल जैसे केला, सेब और पपीता उचित मात्रा में सेवन कर सकते हैं|

दोपहर का भोजन–  एक कटोरी हरी सब्जी या दाल के साथ, एक कटोरी हरा सलाद और थोड़े से के साथ एक गिलास छाछ का ले सकते हैं|

शाम को 4 से 5 बजे के बीच– इस समय पर आप काले अंकुरित चने सेंधा नमक और काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खा सकते हैं|

रात्रि का भोजन-– एक छोटी कटोरी लौकी की सब्जी या फिर हरी सब्जी के साथ मिक्स वेजिटेबल सूप का सेवन करना आईबीएस रोगियों के लिए काफी असरदार माना गया है|

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