जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती रहती है, उसके शरीर की हड्डियों का कैल्शियम खत्म होने लगता है| इसके बाद वह रीढ़ की हड्डी में गैप आना, स्लिप डिस्क और भी अनेक ऐसी बिमारियों से जूझने लगता है| रीढ़ की हड्डी में गैप आ जाए तो उसको आधुनिक चिकित्सा की पद्धति में स्पोंडिलोसिस के नाम से जाना जाता है| शोध से पता चला है कि वर्तमान समय में यह समस्या व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है| लोग अक्सर इस पीड़ादायक समस्या से छुटकारा पाने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं, परन्तु फिर भी उनको कुछ खास सफलता नही मिल पाती है| आयुर्वेदिक चिकित्सा कहती है कि अगर समय रहते इसके लक्ष्ण और कारणों को पहचान लिया जाए तो इस परेशानी को जड़ से खत्म किया जा सकता है|

रीढ़ की हड्डी का गैप यानि स्पोंडिलोसिस क्या है?

अगर आपको पता हो रीढ़ की हड्डी के आस-पास डिस्क होती हैं, जिनके द्वारा हड्डी अपना काम सुचारू रूप से करती है| परन्तु कई बार यह डिस्क खिसक जाती है, जिससे वहां पर गैप बनने लगता है और इसी को एलोपैथी भाषा में स्पोंडिलोसिस कहते हैं| अगर इस समस्या जो जल्दी दूर न किया जाए तो आगे चलकर यह गठिया यानि आर्थराइटिस जैसी दर्दनाक बीमारी का रूप ले सकती है| आज हम आपको इस आर्टिकल के द्वारा रीढ़ की हड्डी में आने वाले गैप के सामान्य लक्ष्ण, कारण और उसके आयुर्वेदिक उपचार के बारे में जानकारी देने वाले हैं|

रीढ़ की हड्डी में गैप आने के मुख्य लक्ष्ण: Symptoms of a gap in the spinal cord in hindi

* जब भी आपको टांग, पैरों और कमर में बहुत ज्यादा महसूस होने लगे तो इसे नज़रंदाज़ न करें|

* अक्सर देखा गया है कि स्पोंडिलोसिस समस्या में रोगी को कमर से दर्द होना शुरू होता है और वह धीरे-धीरे पैरों तक जा पहुंचता है|

* काम करते समय शरीर को घुमाने पर रीढ़ की हड्डी में दर्द होता है|

* हड्डी में होने वाला यह दर्द जांघों को भी प्रभावित कर सकता है|

* यह दर्द इतना पीड़ादायक होता है कि आपका पूरा शरीर अकड़ने लगता है|

* सायटिका परेशानी की वजह से होने वाला दर्द भी स्पोंडिलोसिस का महत्वपूर्ण लक्ष्ण है|

* इस समस्या में इंसान को चलने, उठने और बैठने में भी दिक्कत होनी शुरू हो जाती है|

* शोध से पता चला है कि इस समस्या में व्यक्ति के शरीर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं|

* गर्दन को घुमाते समय हमेशा सिर में दर्द रहने लगता है|

* जब भी आप मुड़ने की कोशिश करेंगें तो रीढ़ की हड्डी से कुछ टूटने की आवाज आएगी|

अगर आपको इनमें से एक भी लक्षण महसूस हो तो उसी समय किसी वैद्य से सलाह लेकर उपचार करना शुरू कर दें| शुरुवात में एक सामान्य दर्द लगने वाली यह समस्या आगे चलकर बहुत ही गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है|

हड्डी में गैप आने के सामान्य कारण:Common causes of a gap in the spinal cord in hindi

* कई लोग अपना मोटापा घटाने के लिए जिम में एकदम से काफी ज्यादा वजन उठाना शुरू कर देते हैं, जो स्पोंडिलोसिस होने का कारण बन सकता है|

* हम अपने काम में इतने खो जाते हैं कि उसको लेकर चिंतित रहने लगते हैं, जिसके कारण स्लिप डिस्क होने का खतरा बना रहता है|

* अगर आपकी बैठने की पोजीशन गलत है, आप सही तरीके से नही लेटे हुए और गलत मुद्रा में खड़े होने से भी रीढ़ की हड्डी में गैप आ जाता है|

* जो लोग ऑफिस में लगातार बैठ कर काम करते हैं, उनको यह समस्या होने का सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है|

* किसी भी स्पोर्ट्स मैन को अगर खेलते हुए रीढ़ की हड्डी में कोई इंजरी हो जाए तो भी इस समस्या के होने का डर रहता है|

* अनुवांशिकता भी हड्डी में गैप आने का एक कारण हो सकती है|

* आधुनिक शोध के मुताबिक महिलाओं को डिलीवरी के बाद रीढ़ की हड्डी में बदलाव होने लगते हैं जिससे यह गैप होने का डर रहता है|

* बहुत से लोग वेट गेन करने में लगे रहते हैं, परन्तु उनको ये नही पता कि इसके बाद रीढ़ की हड्डी के आकार में काफी बदलाव आता है जो गैप आने का मुख्य कारण है|

* उम्र बढ़ने के साथ शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और अंदर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं| इसके बाद रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क हिलने लगती है और गैप आने लगता है|

* धूम्रपान और अत्याधिक शराब के सेवन से भी हड्डी में गैप आने का डर रहता है, क्योंकि इसके अंदर पाए जाने वाले हानिकारक पदार्थ हड्डियों से जरूरी पोषक तत्व निकाल लेते हैं|

ध्यान देने योग्य बातें:

* अगर आप इस पीड़ादायक समस्या से बचना चाहते हैं तो हमेशा सही मुद्रा में उठने, बैठने और लेटने की कोशिश करें|

* हमेशा स्वास्थ्यवर्धक आहार का सेवन ही करें|

* तले हुए और जंक फ़ूड आहार के सेवन से बचें|

* ऑफिस में काम करते समय थोड़ी-थोड़ी देर बाद अपनी पोज़ीशन बदलते रहें|

* धुम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन आज ही बंद कर दें|

* सुबह और शाम योग, व्यायाम और प्राणायाम जरूर करें|

* रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद पूरी करें|

* हमेशा सूर्योदय से पहले उठकर 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलें|

रीढ़ की हड्डी के गैप को भरने वाली कुछ लाभकारी औषधियाँ:

1. लाक्षादि गुग्गुल एक राम बाण औषधि– इस आयुर्वेदिक औषधि को बनाने के लिए मुख्य रूप से लाख का प्रयोग किया जाता है और साथ में अर्जुन पेड़ की छाल के चूर्ण का मिश्रण हृदय रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है| इस हडजोड़ औषधि का नियमित रूप से सेवन रीढ़ की हड्डी के गैप को भरने, वहाँ की सूजन को दूर करने, किसी भी टूटी हुई हड्डी को जोड़ने में कारगर साबित होता है|

2. त्रयोदशांग गुग्गुल भी फायदेमंद– यह औषधि शरीर में वात दोष को संतुलित बनाए रखती है| आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब वात दोष नियंत्रित नही रह पता तो उस स्थिति में व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क खिसक जाने, आर्थराइटिस और लकवा जैसी अनेक बिमारियों के होने का खतरा बना रहता है| इन सभी को दूर रखने और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में त्रयोदशांग गुग्गुलु का सेवन फायदेमंद माना गया है| इस आयुर्वेदिक टॉनिक का वैद्य की सलाह के अनुसार उपयोग शरीर के अनेक विकारों को दूर करने में सक्षम है|

दवाई का सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह जरूर ले। इस दवाई का उपभोग एक रोगी से दूसरे रोगी में उनके चिकित्सा मानकों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं।

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