आज के समय में लोगों की दिनचर्या ऐसी हो गई है कि न वह समय पर भोजन का सेवन कर पाते हैं और न ही अच्छे से नींद ले पाते हैं| जिसकी वजह से वह अनेक बिमारियों को अपने शरीर में आमंत्रित कर लेते हैं| आधुनिक शोध से पता चला है कि रात को देर से सोने वाले लोग मानसिक तनाव में रहने लग जाते हैं, उनका मोटापा बढ़ने लगता है| यह लोग जल्दी सोने के बाद जल्दी उठने वालों की अपेक्षा कम उम्र तक ही जिन्दा रह पाते हैं| आयुर्वेदिक चिकित्सा भी कहती है कि अगर आप खुद को बिमारियों से मुक्त रखना चाहते हैं तो रात को समय पर सोने और सूर्योदय से पहले उठने की आदत डाल लें| आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगें कि रात को देर से सोने वाले लोग कम उम्र तक क्यों जी पाते हैं|

रात को देर से सोने वाले लोग क्यों कम दिन जीते है:

आधुनिक शोध कहती है कि देर से सोने वाले लोगों में कम जीने का खतरा इसलिए भी रहता है क्योंकि जब वह सो कर सुबह उठते हैं तो उनके शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक उनके आस-पास के वातावरण को सहन नही कर पाती और उनकी मृत्यु जल्दी हो जाती है| शोधकर्ताओं ने एक बात और बताई है कि ऐसे लोग कभी समय पर भोजन नही करते और न ही कोई शारीरिक गतिविधियां या व्यायाम करते हैं| इसीलिए वह सामान्य लोगों से 10 फीसदी ज्यादा मारे जाते हैं|

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक बार नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि, “जो लोग देर रात तक जागते हैं वह अनेक बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं”| बता दें कि कि इस शोध में उन्होंने 38 साल से 73 साल के करीब पांच लाख लोगों को शामिल किया था| इस शोध में पाया गया था कि जो लोग दिन में काम करने के बाद रात को देर से सोते थे, उनकी मौत 10 फीसदी ज्यादा हो गई थी|

उम्र के मुताबिक ऐसी होनी चाहिए नींद

* सबसे जरूरी बात अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको बिस्तर पर जाने के बाद 20 से 30 मिनट के अंदर नींद आ जानी चाहिए| परन्तु लोगों का निजी जिंदगी और काम को लेकर तनाव में रहना, शरीर का थका-थका रहना, इन सभी समस्याओं की वजह से नींद आने में परेशानी हो सकती हैं, इन बातों को कभी नज़रंदाज़ न करें|

* जब किसी व्यक्ति की रात को नींद अचानक से टूट जाए तो सामान्य तौर पर उसे 10 से 15 मिनट में नींद आ जाती है| परन्तु अगर आपको आधे घंटे से ज्यादा समय तक नींद न आए तो समझ जाइये आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है| इस समस्या को आप कभी भी अनदेखा न करें और किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श कर लें|

* एक शोध ये भी कहती है कि जब भी व्यक्ति अत्यधिक भय, चिंता और तनाव में रहेगा तो उसको आसानी से नींद नहीं आएगी, इसलिए इन बातों का ध्यान रखें|

* अगर आपको पता हो नवजात बच्चे यानी जन्म से एक साल वाले काफी सोते हैं| आयुर्वेद के अनुसार इनका 15 से 17 घंटे तक सोना बहुत जरूरी माना गया है, परन्तु अगर बच्चा इससे कम या ज्यादा नींद ले रहा है तो आपको उसी समय वैद्य से सलाह लेने की आवश्यकता है|

* इसके बाद आती है 1 से 2 साल की उम्र, इसमें अगर बच्चा 9 से 15 घंटे की नींद ले रहा है तो सामान्य मानी गई है, परन्तु इससे कम या ज्यादा नींद जानलेवा साबित हो सकती है|

* 3 से 5 साल के बच्चों का 9 से 13 घंटे नींद लेना अच्छा माना जाता है, इस अवस्था में बच्चे को कफ दोष बहुत ज्यादा प्रभावित करता है| इसलिए उसका अच्छे से ध्यान रखना जरूरी है|

* बाल्यावस्था यानी 6 से 14 साल की उम्र में बच्चे दोस्त बना कर उनके साथ मस्ती करना पसंद करते हैं| उनके लिए 9 से 12 घंटे की नींद बेहतर बताई गई है, जो उनको स्वस्थ रखने में मददगार साबित होती है|

* किशोरावस्था यानी 14 से 18 साल तक 9 से 11 घंटे की नींद को आधुनिक चिकित्सा ने भी सामान्य मानी है|

* युवावस्था यानि 18 से 25 साल का काल तूफानी की अवस्था माना गया है, इस उम्र में लड़के और लडकियाँ एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते हैं| इस उम्र में 7 से 9 घंटे की नींद को सामान्य कहा गया है|

* 25 से 65 साल के लोगों का 6 से 9 घंटे सोना सामान्य माना जाता है, इस अवस्था में चिंता और थकान के कारण नींद कम ज्यादा हो सकती है| लेकिन 6 घंटे से कम नींद ज्यादा दिनों तक लेने से शरीर बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है|

* बुढ़ापे में लोग अक्सर बिमारियों से संक्रमित रहने लग जाते हैं जिसकी वजह से वह कभी-कभी 5 घंटे की नींद भी नही पूरी कर पाते हैं| आयुर्वेद चिकित्सा में इनके लिए 6 से 8 घंटे सोना सामान्य बताया गया है|

देर से सोने वाले व्यक्ति को लग सकती हैं ये बुरी आदतें:

1. व्यक्ति तला हुआ और जंक फ़ूड खाना शुरू कर देता है जो उसके पाचन तंत्र को खराब कर सकता है|
2. धूम्रपान करने लग जाता है क्योंकि नींद पूरी न होने के कारण वह तनाव में रहने लग जाता है|
3. इसके अलावा वह शराब और नशीले पदार्थों का सेवन करना भी शुरू कर देता है|

रात को देर तक जागने वाले व्यक्ति हो सकते हैं इन बीमारियों का शिकार

मधुमेह की समस्या– एक अध्यन से पता चला है कि जब रात में लोगों को नींद नही आती तो वह चाय के साथ फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करना पसंद करते हैं जो शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ा सकता है|

मोटापा भी एक बीमारी– अगर आप रात को पूरी नींद नही लेगें तो शरीर में स्ट्रेस हार्मोन्स बढ़ने लग जाते हैं जो पाचन क्रिया को खराब कर देते हैं और आप मोटापे का आसन शिकार हो जाते हैं|

कैंसर होने का डर– अक्सर लोग रात को फिल्म देखने या मस्ती करने निकल जाते हैं जिससे उनकी नींद पूरी नही हो पाती| इसकी वजह से उनको ब्रेस्ट कैंसर के साथ अन्य बीमारी होने का खतरा बना रहता है|